मां विंध्यवासिनी मंदिर के कपाट अभी नहीं खुलेंगे
गाजीपुर न्यूज़ टीम, मिर्ज़ापुर. मां विंध्यवासिनी मंदिर के कपाट सोमवार को नहीं खुलेंगे। रविवार शाम पंडा समाज की हुई बैठक में इस पर निर्णय लिया गया। पंडा समाज का कहना है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के कपाट खुलने के बाद वहां की व्यवस्थाएं देखकर ही विंध्यवासिनी धाम खोलने पर विचार किया जाएगा। इस संबंध में सोमवार को भी डीएम के साथ बैठक होगी।
केंद्र और राज्य सरकार के गाइडलाइन के अनुसार मिर्जापुर में सभी धार्मिक स्थल सोमवार से खुलेंगे। लेकिन मां विंध्यवासिनी धाम के कपाट अभी नहीं खुलेंगे। यह निर्णय रविवार शाम मंदिर परिसर में हुई पंडा समाज की बैठक में लिया गया। देश के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में शामिल मां विंध्यवासिनी के दरबार में प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। ऐसे में कोरोंना के संक्रमण से बचाव करना काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बैठक के बाद पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने बताया कि मंदिर का कपाट खोलने में जल्दबाजी में निर्णय नहीं लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पंडा समाज के पदाधिकारियों का मानना है कि मां का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा पहले होनी चाहिए। इसके बाद ही दर्शन पूजन व अन्य धार्मिक संस्कार आयोजित होंगे। पूर्व अध्यक्ष राजन पाठक का कहना है कि मंदिर का कपाट खोलने से पहले संक्रमण संबंधित सभी सुरक्षा के इंतजाम किए जाए। पंडा समाज के मंत्री भानु पाठक ने भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा को महत्वपूर्ण बताया। बैठक में कोषाध्यक्ष तेजन गिरी, मंदिर व्यवस्था प्रमुख अवनीश मिश्रा, समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे। वहीं श्री विंध्य पंडा समाज व डीएम की सोमवार को होने वाली बैठक के बाद ही मंदिर के कपाट खोलने पर निर्णय होने की उम्मीद है।
आज से खुलने जा रहे धार्मिकस्थलो के लिए गाइडलाइन्स:
1 - 65 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को प्रवेश नहीं।
2 - 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रवेश नहीं।
3 - गर्भवती महिलाओं का प्रवेश नहीं।
4 - किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति का प्रवेश प्रतिबंधित।
5- पूजा/इबादत/प्रार्थना स्थल पर जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को 6 फीट की दूरी का पालन करना जरूरी।
6- चेहरे पर मास्क लगाकर धार्मिक स्थल पर प्रवेश अनिवार्य।
7- पूजास्थल पर लोग खुद की चटाई लेकर जाएं।
8 - हाथ मिलाना, पैर छूना या गले मिलने पर प्रतिबंध।
9- धार्मकि स्थलों के गेट पर थर्मल स्क्रीनर और हैंड सैनिटाइजर लगाना जरूरी।
10- जूता-चप्पल अपने वाहन में या पूजा स्थल के बाहर ही रखे जाएं।
11 - भजन, कीर्तन, कव्वाली आदि को रिकॉर्डेड इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से प्ले करें। किसी को व्यक्तिगत रूप से गाने की अनुमति न दी जाए।