योगी गोरखपुर पर मेहरबान: 80 किलोमीटर कम हो जाएगी गोरखपुर से इलाहाबाद की दूरी, ग़ाज़ीपुर WAIT!
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर, पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य ने गति पकड़ ली है। कार्य की शुरुआत पिछले 10 फरवरी को हुई थी। अबतक 77.15 फीसद सड़क की सफाई व 18.38 फीसद मिट्टी का काम पूरा हो चुका है। लिंक एक्सप्रेस वे की लागत की भरपाई के लिए दो टोल प्लाजा का भी निर्माण किया जाएगा। साथ ही घाघरा नदी पर 1.50 किमी लंबा पुल बनाया जाएगा। कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) है।
लिंक एक्सप्रेस वे जिले के जैतपुर के पास से शुरू होकर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर आजमगढ़ में ग्राम सलारपुर के पास समाप्त होगा। इसकी लंबाई 91.352 किमी है। यह गोरखपुर, अंबेडकर नगर, संतकबीर नगर व आजमगढ़ से होकर गुजरेगा। इस पर टोल प्लाजा व पुल के अलावा तीन रैंप प्लाजा, सात फ्लाईओवर, छोटी-बड़ी गाडिय़ों व पैदल के लिए 101 अंडरपास, सात बड़े व 27 छोटे पुल तथा 389 पुलियों का निर्माण भी किया जाएगा।
बनेगा फोरलेन, संरचना छह लेन की होगी
लिंक एक्सप्रेस वे फोरलेन बनेगा लेकिन उसकी संरचना छह लेन की बनाई जाएगी ताकि भविष्य में जरूरत पडऩे पर इसे छह लेन चौड़ा बनाया जा सके। साथ ही 3.75 मीटर की सर्विस रोड भी बनेगी।
लागत
परियोजना की कुल अनुमोदित लागत 5876.68 करोड़ रुपये तथा सिविल निर्माण की अनुबंधित लागत 3024.10 करोड़ (जीएसटी छोड़कर) है। सिविल निर्माण कार्य के लिए 2250 करोड़ बैंकों से ऋण लिया जाएगा। पंजाब नेशनल बैंक ने 750 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिया है। यूनियन बैंक ने 250 व केनरा बैंक ने 300 करोड़ की सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इंडियन बैंक में एक हजार करोड़ का ऋण विचाराधीन है।
परियोजना से लाभ
इलाहाबाद, लखनऊ, आगरा व दिल्ली तक सुगम यातायात।
गोरखपुर क्षेत्र का सर्वांगीण विकास।
कृषि, वाणिज्य, पर्यटन व उद्योगों को बढ़ावा।
गीडा में औद्योगिक कॉरीडोर बनेगा।
गोरखपुर से इलाहाबाद की दूरी 80 किलोमीटर कम हो जाएगी।
काम तेज गति से चल रहा है। गोरखपुर में 90.80, संतकबीर नगर में 92.55, अंबेडकर नगर में 90.66 व आजमगढ़ में 59.01 फीसद भूमि क्रय या अधिग्रहित की जा चुकी है। दो पैकेज में परियोजना बन रही है। पैकेज एक में 90.80 फीसद व पैकेज दो में 78 फीसद भूमि क्रय हो चुकी है। भूमि क्रय के लिए चारों जनपदों को कुल 1395.47 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। अभी तक योजना को शासन से लगभग 1450 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। - ओम प्रकाश पाठक, विशेष कार्याधिकारी (भूमि अर्जन), यूपीडा