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यूपी पुलिस के दीवान का बढ़ेगा कद, अब मुकदमों की भी विवेचना भी करेंगे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर। पुलिस महकमे में अब दीवान की जिम्मेदारी बढ़ेगी। अभी तक जहां वे कार्यालय के कामकाज ही निपटाते थे, लेकिन अब उन्होंने विवेचना का भी काम सौंपा जाएगा। इससे एक तरफ जहां विवेचनाओं का निस्तारण समय से होगा, वहीं दूसरी तरफ उप निरीक्षकों और निरीक्षकों पर दबाव भी कम होगा। दीवान को सौंपी जाने वाली विवेचना की 11 श्रेणियां निर्धारित की गई हैं।

सौंपी जाएगी निर्धारित श्रेणी के मुकदमों की विवेचना
अभी तक विवेचना का काम उप निरीक्षक और निरीक्षक ही करते थे। इसमें भी एसआर (स्पेशल रिपोर्ट, जिसकी मानीटरिंग खुद एसएसपी करते हैं) केस की विवेचना करना थानेदार को करनी होती है। अन्य मुकदमों की विवेचना थाने में तैनात उप निरीक्षकों के जिम्मे होती थी। कानून-व्यवस्था की चुनौतियों का सामना करने के साथ समय से विवेचनाओं के निस्तारण नहीं हो पाता था। जिसकी वजह से कोर्ट में जार्चशीट दाखिल करने में काफी वक्त लग जाता है और मुकदमों की समय से सुनवाई नहीं शुरू हो पाती।

अभी तक कार्यालय के कामकाज ही निपटाते थे दीवान
इस समस्या से निजात पाने और लोगों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए शासन ने विवेचना की पहले से चली आ रही व्यवस्था में बदलाव करने का फैसला लिया है। निरीक्षकों और उप निरीक्षकों पर से विवेचना का दबाव कम करने के लिए दीवान को भी इसकी जिम्मेदारी देने का फैसला किया है। पिछले दिनों पुलिस महकमे में हुई पदोन्नति के बाद दीवान की संख्या भी काफी हो गई है। ऐसे में विवेचना का काम उनको सौंपे जाने से मुकदमों के निस्तारण में आसानी होगी।

इन मामलों की विवेचना करेंगे दीवान
  • मारपीट और एनसीआर के मुकदमे
  • आबकारी अधिनियम
  • जुआ अधिनियम के तहत दर्ज मुकदमे
  • वन संरक्षण अधिनियम
  • 25 हजार रुपये तक की चोरी, बाइक चोरी, रेलवे प्लेटफार्म पर हुई चोरी की घटना तथा पशु चोरी
  • शस्त्र अधिनियम
  • परीक्षा अधिनियम
  • विद्युत अधिनियम के तहत पांच लाख रुपये की बिजली चोरी के मुकदमे
  • भारतीय रेल अधिनियम के तहत दर्ज मुकदमे
  • अश्लीलता फैलाने, अश्लील साहित्य और चित्र बेचने, नाबालिग को अश्लील साहित्य या चित्र उपलब्ध कराने
  • लोक बाधा उत्पन्न करने के मामले
  • निषेधाज्ञा खत्म होने के बाद उपद्रव करने के मुकदमे
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