अगर अपनाएं ITBP जवानों जैसी अभेद सुरक्षा तो पास फटक भी न पाएगा कोरोना
गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आइटीबीपी) के जवान जिस तरह देश की सीमा पर अभेद सुरक्षा का घेरा बनाकर दुश्मनों को आने नहीं देते हैं, ठीक वैसे ही इन जवानों ने अब परिवार की अभेद सुरक्षा का ऐसा इंतजाम किया है कि कोरोना का भेद पाना मुश्किल ही नामुमकिन साबित हो रहा है। उनके जैसा इंतजाम कोरोना काल में अगर फैक्ट्रियों, कंपनियों और अपार्टमेंट या फिर समूह में बने मकानों में रहने वाले अपना लें तो कोरोना पास फटक भी नहीं सकेगा।
आवासीय क्षेत्र में अभेद सुरक्षा
महाराजपुर में आइटीबीपी 32वीं वाहिनी के लिए आवासीय क्षेत्र विकसित किया गया है, यहां मौजूदा समय में जवानों के करीब पांच सौ से अधिक परिवार रह रहे हैं। कोरोना संक्रमण का खतरा देखते हुए आइटीबीपी जवानों ने आवासीय क्षेत्र में अभेद सुरक्षा व्यवस्था की है। उनकी इस व्यवस्था के चलते अवासीय परिसर में कोरोना का प्रवेश करना मुमकिन नहीं दिखता है। जवान से लेकर आम इंसान तक कोई भी बिना हाथ धुले व पूरी तरह सैनिटाइज हुए परिसर में प्रवेश नहीं कर सकता है। बाहर से आने वाली प्रत्येक वस्तु व हर वाहन को भी सैनिटाइज करने के बाद ही अंदर जाने की अनुमति होती है।
इस तरह की है व्यव्स्था
आइटीबीपी 32वीं वाहिनी महाराजपुर में कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए जवानों ने मुख्य द्वार पर खुद सैनिटाइजर टनल व पैडल सेनिटाइजिंग मशीन लगा रखी है। बाहर से आने वालों को सबसे पहले पैडल मशीन से डेटॉल से अच्छी तरह हाथ धुलवाए जाते हैं। इसके बाद सैनिटाइजर टनल से प्रत्येक व्यक्ति को गुजारा जाता। पूरा शरीर व कपड़े सैनिटाइज होने के बाद ही अंदर जाने की अनुमति दी जाती है। वाहिनी की मेडिकल टीम सभी की थर्मल स्क्रीनिंग कर जांच करती है। सभी जवान पूरी एहतियात बरत रहे हैं हैं। कोई भी सामान वाहिनी के अंदर बिना सैनिटाइज हुए नहीं ले जाया जा सकता है। बाहर से आने वाले प्रत्येक वाहन को भी सैनिटाइज करने के बाद ही अंदर ले जाया जा सकता है।
गरम पानी के घोल से सैनिटाइज होती हैं फल व सब्जियां
वाहिनी में तैनात सूबेदार मेजर दीपक कुमार ने बताया कि बाजार से आई सब्जियों व फलों को गेट के बाहर ही टैंकर से अ'छी तरह धुला जाता है। टैंकर के पानी में नमक का घोल व अन्य जरूरी चीजें मिली होती हैं। जिससे सब्जियां व फल अच्छी तरह धुल जाते हैं। साथ ही सभी जवानों को आरोग्य सेतु एप अपने मोबाइल पर डाउनलोड करने के निर्देश दिए गए हैं। निगरानी को एक समिति भी बनाई गई है।