चुपके से शरीर में दाखिल हो रहा कोरोना वायरस, 80% मरीजों में लक्षण नही
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. न सर्दी न जुकाम। बुखार का भी नामोनिशान नहीं। शक के आधार पर कैसरबाग निवासी 30 वर्षीय युवक ने कोरोना की जांच कराई। जांच में संक्रमण की पुष्टि हुई। यह अकेला मामला नहीं है। राजधानी लखनऊ में अब तक बिना लक्षणों वाले करीब 200 कोरोना मरीज सामने आ चुके हैं। ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है।
केवल 20 से 30 प्रतिशत मरीजों में कोरोना के लक्षण नजर आते हैं। बाकी 70 से 80 प्रतिशत मरीजों में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं। डिप्टी सीएमओ डॉ. केपी त्रिपाठी के मुताबिक बिना लक्षण वाले मरीजों की पहचान कठिन है। वह सेहतमंद व्यक्तियों की तरह ही दिखते हैं। चिकित्सा विज्ञान में इन मरीजों को एसिम्प्टोमैटिक कहते हैं। ऐसे लोगों को संक्रमण का पता नहीं रहता है। वे कोरोना लेकर घूम रहे हैं। ये और भी खतरनाक हैं। ये लोग बच्चे, बुजुर्ग व दूसरी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों के संपर्क में आने वालों को बीमार बना सकते हैं।
काफी मरीज हो चुके भर्ती
केजीएमयू सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार के मुताबिक 93 कोरोना पॉजिटिव भर्ती किए जा चुके हैं। गंभीर अवस्था में भर्ती कराए गए चार मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया। 68 मरीज डिस्चार्ज किए गए। उन्होंने बताया कि 40 मरीजों को भर्ती से पहले लक्षण भी नहीं थे। इसी तरह लोहिया संस्थान में अब तक 57 मरीज भर्ती किए गए। 34 मरीज डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। 23 मरीज अभी भर्ती हैं। संस्थान के प्रवक्ता श्रीकेस सिंह के मुताबिक 35 मरीजों में बिना लक्षणों वाले भर्ती किए गए हैं। दो बार की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया।
ये ज्यादा घातक
केजीएमयू मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र आतम के मुताबिक ज्यादातर लोगों में कोविड-19 के बेहद हल्के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। यह वायरस चुपके से शरीर में दाखिल हो रहा है। इसका भान लोगों को नहीं होता। हालांकि 20 प्रतिशत मरीजों में संक्रमण तीव्र पाया गया है। इसका ताल्लुक इंसान के रोग प्रतिरक्षा तंत्र से है। यदि कोई संक्रमित शख्य वायरस से मुकाबला कर रहा है तो इसका सीधा मतलब ये है कि उसने अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित किया है।