दिल्ली से चंदौली लौटा 5 साल का मासूम पॉजिटिव, माता-पिता निगेटिव
गाजीपुर न्यूज़ टीम, चंदौली। चंदौली में कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। शनिवार को भी एक साथ पांच लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसमें एक पांच वर्षीय बालक भी शामिल है। बालक दिल्ली से अपने माता-पिता के साथ ट्रेन से लौटा था। बालक के माता-पिता की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
चंदौली में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा अर्द्धशतक को पार कर गया है। यहां पॉजिटिव की संख्या 51 हो गई है। इसमें 27 मामले एक्टिव हैं। डीएम नवनीत सिंह चहल के निर्देश पर कोरोना संक्रमितों को एम्बुलेंस से वाराणसी भिजवाया गया। संक्रमितों के संपर्क में आने वालों की भी जांच कराने का आदेश दिया गया है।
शहाबगंज ब्लॉक के सारिंगपुर गांव में प्रवासी दंपती अपने पांच साल के बेटे के साथ 9 जून को ट्रेन से वाराणसी पहुंचा था। वहां से ऑटो रिजर्व कर अपने गांव आया। जिला संयुक्त अस्पताल में सैंपल लेने के बाद सभी को होम क्वारंटीन कर दिया गया था। बीएचयू से शनिवार की शाम रिपोर्ट में मासूम कोरोना पॉजिटिव निकला, जबकि माता-पिता की निगेटिव रिपोर्ट मिली है। पांच वर्षीय मासूम में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि होने के बाद परिजनों में खलबली मच गई। माता-पिता के आंखों से आंसू छलक गए। उन्होंने कहा कि पूरी सावधानी के साथ बेटे को लेकर ट्रेन से लौटे थे। इसके बाद भी कोरोना ने पकड़ लिया। जिला प्रशासन ने मासूम के साथ ही माता-पिता को भी उसकी देखभाल के लिए एम्बुलेंस से वाराणसी भेजा है।
वहीं, जेंगुरी गांव में 22 वर्षीय प्रवासी पॉजिटिव आया है। ट्रेन से लौटने के बाद होम क्वारंटीन था। चहनियां ब्लॉक के लोलपुर गांव का 23 वर्षीय युवक पॉजिटिव आया है। वह 6 जून को ट्रेन से लौटा। सदर ब्लॉक के बिसौरी गांव में गुरुग्राम हरियाणा से लौटे युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अब 55 वर्षीय पिता की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके अलावा सदर ब्लॉक के पनपुरकलां गांव में 65 वर्षीय वृद्ध के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। वह 8 जून को मुंबई से अपने घर लौटे थे।
उधर, सदर ब्लॉक के पनपुरकलां गांव के 65 वर्षीय वृद्ध मार्च महीने में अपने बेटी से मिलने मुंबई गए थे। लेकिन लॉकडाउन लागू होने की वजह से घर नहीं लौट सके थे। शासन की ओर से ट्रेनों के चलने की छूट मिलने के बाद 8 जून को ट्रेन से अपने घर लौटे। जिला अस्पताल में सैंपल लेने के बाद होम क्वारंटीन कर दिया गया था। परिवार में लगभग 20 सदस्य हैं। अधिकतर परिवार के लोग ठेला-खोमचा लगाकर जीविकोपार्जन करते हैं।