लखनऊ से स्वस्थ होकर लौटा शिवांश
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी के चंदुआ छित्तूपुर निवासी नवजात शिवांश ढाई महीने पीजीआई (लखनऊ) में इलाज के बाद स्वस्थ होकर लौट आया है। बच्चे के दिल में छेद व सांस लेने में तकलीफ के कारण जन्म के तुरंत बाद बीएचयू में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज की सुविधा नहीं होने से लखनऊ ले जाने की सलाह दी गई।लॉकडाउन के कारण परिजनों के आगे मुश्किलें खड़ी हो गई। इसके बाद हिन्दुस्तान ने पहल की और नवजात को लखनऊ भेजकर इलाज शुरू हुआ।
सोनभद्र में 31 मार्च को शिवांश का जन्म हुआ था। जन्म लेने के बाद ही तकलीफ के कारण उसे अर्दली बाजार स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां दो दिन के बाद उसे बीएचयू रेफर कर दिया गया। बीएचयू में भी एक हफ्ते रखने के बा बाद दिल्ली या लखनऊ ले जाने की सलाह दी गई, लेकिन लॉकडाउन के कारण इलाज होने, दवाओं की उपलब्धता का संकट भी था और एंबुलेंस से लखनऊ ले जाना आसान नहीं था।
आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने शिवांश और उसके परिजनों की दिक्कतों को प्रकाशित किया। खबर के साथ परिजनों और शहरवासियों ने पीएमओ के ट्विटर पर भी सहयोग की अपील की थी। शिवांश के पिता हिमांशु ने बताया कि परिवार पर एक बड़ा संकट आया था। बच्चे को लेकर सभी बहुत चिंतित थे। हिन्दुस्तान अखबार में खबर प्रकाशित होने के बाद लोगों का भी सहयोग मिला।
इस पूरे मामले का एक पहलू यह भी रहा कि बच्चे की गंभीर हालत के बारे में उसकी मां चांदनी श्रीवास्तव को नहीं बताया गया था। बनारस में इलाज के दौरान भी वह अपने घर सोनभद्र में ही थीं। जब शिवांश को लखनऊ ले जाया गया, तब चांदनी भी वहां गईं और करीब डेढ़ महीने के बाद उन्होंने अपने बच्चे को अस्पताल के बिस्तर पर ऑक्सीजन मास्क लगाए लेटे देखा था। बच्चे की जान बचाने में शहर के खास लोगों रुद्र प्रताप सिंह, महेश चंद्र श्रीवास्तव, विद्यासागर राय सहित अन्य लोगों ने सहयोग किया। बीएचयू में भर्ती कराने में डीएम, सीएमओ, अस्पताल प्रबंधन जुटा रहा।