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पराली से प्रदूषण नहीं, अब होगी किसानों की कमाई, प्रदेश के इन पांच जिलों में बनेगी बायो गैस

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर। पराली से अब प्रदूषण नहीं किसानों की कमाई होगी। धान की पराली से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसी) ने मिलकर प्रदेश के गोरखपुर और शाहजहांपुर सहित पांच जिलों में कम्प्रेस्ड बायो गैस उत्पादन डिपो बनाने का निर्णय लिया है। 

मुख्य सचिव ने इसके लिए इन जिलों की अलग-अलग तहसीलों में 10-10 एकड़ जमीन तलाशने का आदेश दिया है। जमीन, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को डिपो बनाने के लिए सौंपी जाएगी। मंगलवार की शाम वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए लखनऊ में मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव नेडा के समक्ष आईओसी अधिकारियों ने इस प्रोजेक्ट का प्रजेन्टेशन दिया। इस दौरान गोरखपुर समेत शेष चार अन्य जिलों से एडीएम वित्त एवं राजस्व, मुख्य राजस्व अधिकारी, परियोजना अधिकारी नेडा शामिल हुए। 

बैठक में गोरखपुर समेत सभी जिलों को जल्द से जल्द 10-10 एकड़ जमीन चिन्हित कर रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए। मिली जानकारी के मुताबिक तकरीबन 20 टन प्रतिदिन क्षमता के कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट से सीएनजी का उत्पादन किया जाएगा। इसमें वीपीएसए (वैक्यूम प्रेशर स्विंग एडसार्प्शन ) तकनीक का इस्तेमाल होगा। इस प्लांट में पराली, गन्ने की खोई, गोबर और हरे-गीले कचरे से मीथेन गैस बनाई जाएगी। इस गैस को कम्प्रेस कर सिलेंडर में भर दिया जाएगा। वाहनों में इस्तेमाल के लिए इसे इंडियन ऑयल के प्रेट्रोल पंपों पर 48 रुपये प्रति किलो की दर से बिक्री करने की योजना है। गाड़ियों में इसका इस्तेमाल पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ ही पेट्रोल और डीजल के मुकाबले काफी सस्ता भी होगा।

200 टन कचरे की रोज जरूरत
प्लांट में रोज 20 टन कंप्रेस्ड सीएनजी का उत्पादन करने के लिए 200 टन कचरे की जरूरत होगी। इस प्रक्रिया में निर्मित होने वाली कम्पोस्ट खाद को बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। गोरखपुर एवं उसके आसपास के जिलों से भी इस प्लांट के लिए बॉयो बेस्ट उपलब्ध कराया जाएगा। 

किसान की बढ़ेगी आय मिलेगा रोजगार
गोबर, पराली और अन्य कूड़े की खरीद किसानों से एक रुपए प्रति किलोग्राम तक की दर से की जाएगी। हालांकि इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। बॉयो सीएनजी के इस्तेमाल से प्रदूषण कम होगा। कम्पोस्ट खाद के इस्तेमाल से रसायनिक खाद का इस्तेमाल भी घटेगा। किसानों की आमदनी बढ़ेगी बल्कि इसके कारण रोजगार भी विकसित होगा।

यूपी का पहला कम्प्रेस्ड बॉयो गैस प्लांट धुरियापार में
उत्तर प्रदेश का पहला कम्प्रेस्ड बॉयो गैस प्लांट गोरखपुर निर्मित होगा। धुरियापार चीनी मिल परिसर में 150 करोड़ रुपये से निर्मित होने वाले इस प्लांट का बीते 18 सितंबर को सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शिलान्यास कर चुके हैं। इस प्लांट का निर्माण सहकारी संस्था नेशनल एग्रीकल्चर कॉर्पोरेशन मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (नफेड) और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसी) करेगी। इसके अलावा धुरियापार चीनी मिल परिसर में 700 करोड़ रुपये की लागत से देश का पहला बायोमास आधारित सेकंड जनरेशन एथेनॉल प्लांट स्थापित होना है। इसके लिए 50 एकड़ जमीन को लेकर किसान सहकारी चीनी मिल्स लिमिटेड हरपुर-गजपुर और इंडियन ऑयल के बीच करार भी किया जा चुका है। लेकिन एथेनॉल प्लांट से पहले कम्प्रेस्ड बॉयो गैस प्लांट का निर्माण होना है। इस तरह आने वाले दिनों में गोरखपुर जिले में तीन कम्प्रेस्ड बॉयो गैस प्लांट निर्मित हो जाएंगे।
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