पशुधन विभाग में फर्जीवाड़ा: बसपा काल से सक्रिय था आशीष, फिल्मों में लगाई काली कमाई
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। पशुधन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये वसूलने के मामले में खुद को उप निदेशक पशुपालन एसके मित्तल बताने वाला आशीष राय बसपा शासन काल से ही सक्रिय था। आरोपित ने बसपा के एक सफेदपोश के जरिए अपनी पैठ सचिवालय में बनाई तथा फर्जीवाड़े का खेल शुरू कर दिया था। वहीं सपा काल में आशीष के कारनामे बढ़ते चले गए।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2013 में आशीष की मुलाकात निजी चैनल के पत्रकार अनिल से हुई थी। यहां से दोनों में घनिष्ठता हो गई। आशीष को अनिल का संरक्षण मिल गया। अनिल को जब भी कहीं बाहर जाना होता था तो आशीष ही उसके लिए फ्लाइट और रहने खाने की व्यवस्था करता था। आशीष ने जब अनिल को बताया कि पशुधन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर उसने इंदौर के व्यापारी से रुपये लिये हैं और अब व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया उसे परेशान कर रहा है। यह सुनकर अनिल ने आशीष को आश्वासन देते हुए कहा था कि लखनऊ में उसके कई पुलिस अफसर जानने वाले हैं। पुलिस से कहकर वह व्यापारी को धमकी दिलवाकर शांत करवा देगा। उधर, छानबीन में पता चला है कि आशीष मुंबई में एआर एंटरटेनमेंट ग्रुप फिल्म्स के नाम से कंपनी चला रहा था। इसके जरिए आरोपित ने कुछ क्षेत्रीय फिल्मों का निर्माण भी किया था। इस दौरान उसने कई ब्यूटी कांटेस्ट भी कराए थे।
अनिल ने लिए सवा दो करोड़
एसटीएफ की पूछताछ में अनिल ने बताया कि व्यापारी को शांत कराने के एवज में उसने आशीष से करीब सवा दो करोड़ रुपये लिए थे। बताया जा रहा है कि अनिल ने एसटीएफ को दिए बयान में यह स्वीकार भी किया है। हालांकि इस पूरे प्रकरण में कोई भी अधिकारी कुछ बोल नहीं रहा है। उधर, इस गिरोह का राजफाश होने के बाद एसटीएफ पकड़े गए आरोपितों की कुंडली खंगाल रही है। सभी के कनेक्शन की पड़ताल भी की जा रही है।
एके राजीव के कहने पर सिपाही को लगाया
पकड़े गए कथित पत्रकार एके राजीव ने राजधानी लखनऊ में तैनात सिपाही दिल बहार यादव को व्यापारी को हड़काने के लिए लगाया था। आरोपित सिपाही की संलिप्तता सामने आने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया है। आरोपित सिपाही फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है।