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STF ने फर्जी शिक्षक सरगना समेत 3 को गिरफ्तार किया, दो आरोपी शिक्षा विभाग के कर्मी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ, बहुचर्चित अनामिका प्रकरण में फर्जी दस्तावेजों के जरिये शिक्षक की नौकरी दिलाने के मामले में एसटीएफ ने बड़ी सफलता हासिल की है। इस मामले के सरगना पुष्पेंद्र समेत तीन लोगों को सोमवार को लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों आरोपितों को गोंंडा पुलिस के हवाले किया जा रहा है। गोंडा में अनामिका शुक्ला की ओर से उनके शैक्षिक दस्तावेजों के दुरुपयोग के संबंध में दर्ज कराए गए मुकदमों में तीनों के खिलाफ मामला चलेगा।

एसटीएफ ने इस मामले के मुख्य आरोपित मैनपुरी निवासी व फर्रुखाबाद में सहायक अध्यापक पुष्पेंद्र जाटव उर्फ राज, जौनपुर में बेसिक शिक्षा कार्यालय में जिला समन्वयक अधिकारी आनंद तथा लखीमपुर में बेसिक शिक्षा कार्यालय के प्रधान लिपिक रामनाथ को गिरफ्तार किया है। रामनाथ वर्तमान में हरदोई के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, पाली में संबद्ध था।

आइजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि आरोपित राज उर्फ पुष्पेंद्र जाटव उर्फ गुरुजी ही गिरोह का सरगना है। पूछताछ में पुष्पेंद्र ने बताया कि वह सुशील पुत्र गुलाब चंद्र के नाम से फर्जी तरीके से सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त है। वर्ष 2010 में वह आरोपित प्रधान लिपिक रामनाथ के संपर्क में आया था। पुष्पेंद्र ने रामनाथ की मदद से अंजलि नाम की युवती की नियुक्ति फर्जी दस्तावेजों के जरिए कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में कराई थी। अंजलि की समयावधि पूरी होने पर उसे वार्डन के पद पर भी नियुक्त कराया था। पुष्पेंद्र ने अपने भाई जसवंत को विभव कुमार के नाम से कूटरचित दस्तावेज के जरिए कन्नौज में नियुक्त कराया था। रामनाथ व आनंद के माध्यम से ही जौनपुर में फर्रुखाबाद निवासी दीप्ति को जाली दस्तावेजों के जरिए रामबेटी के नाम पर नियुक्ति दिलाई थी।

पुष्पेंद्र ने बताया कि रामनाथ ने ही उसकी मुलाकात आनंद से कराई थी। आनंद की पत्नी शोभा तिवारी जिला समन्वयक बालिका शिक्षा, समग्र शिक्षा अभियान जौनपुर में नियुक्त है। जौनपुर में कस्तूरबा गांधी विद्यालय में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र/शैक्षिक दस्तावेज आनंद सिंह की अभिरक्षा में रहते हैं। उसके जरिये पुष्पेंद्र को काउंसिलिंग में प्रतिभाग न करने वाले अभ्यर्थियों के बारे में जानकारी मिलती थी। आनंद ने ही अनामिका शुक्ला के शैक्षिक दस्तावेजों की प्रति एक साल पहले पुष्पेंद्र को दी थी। पुष्पेंद्र ने वह दस्तावेज जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय हरदोई में तैनात लिपिक रामनाथ को दिए थे।

इसके बाद ही कानपुर देहात निवासी बबली की अलीगढ़ में तथा उसकी ननद प्रयागराज निवासी दीप्ति की वाराणसी में अनामिका शुक्ला के नाम से नौकरी दिलाई गई। ऐसे ही प्रिया को जनपद कासगंज में नियुक्त कराया गया। पुष्पेंद्र ने सभी से दो-दो लाख रुपये वसूले थे। बताया गया कि पुष्पेंद्र कोर्ट में समर्पण करने की फिराक में था, उससे पहले ही एसटीएफ ने उसे दबोच लिया।

बता दें कि शासन ने प्रयागराज, अमेठी, रायबरेली, वाराणसी, बागपत, कासगंज, सहारनपुर, अंबेडकरनगर व अलीगढ़ स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में कूटरचित शैक्षिक दस्तावेजों के जरिए चयनित शिक्षकों की जांच एसटीएफ को सौंपी थी। गोंडा निवासी अनामिका शुक्ला के शैक्षिक दस्तावेज का दुरुपयोग कर कई जिलों में फर्जी शिक्षिकाओं की भर्ती हुई थीं।

रामनाथ ने भी किया था बड़ा खेल : रीना व अन्य महिला अभ्यर्थियों को रामनाथ ने अनामिका शुक्ला के नाम से सहारनपुर, बागपत, रायबरेली, अमेठी, अंबेडकरनगर में नियुक्त कराया था। आरोपित पुष्पेंद्र ने यह भी बताया कि आनंद ने ही उसे जौनपुर निवासी प्रीति यादव शैक्षिक प्रमाण पत्र दिए थे और बताया था कि उसने वर्ष 2017 में कस्तूरबा गांधी विद्यालय, जौनपुर में नौकरी के लिए आवेदन किया था। उसके अभिलेखों के जरिए जौनपुर व आजमगढ़ में प्रीति यादव नाम की दो फर्जी शिक्षिकाओं की नियुक्ति कराई गई थी।
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