लखनऊ केजीएमयू की इमरजेंसी में तोड़फोड़, डॉक्टर और महिला स्टाफ पर हमला
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ, केजीएमयू की इमरजेंसी में जमकर बवाल हुआ। इलाज में हीलाहवाली का आरोप लगाकर स्टाफ- परिवार जन भिड़ गए। गार्ड, डॉक्टर, स्टाफ संग जमकर मारपीट हुई। ईट-पत्थर चलाकर खिड़की, सीशा तोड़े गए। प्रॉक्टर ने एफआइआर के लिए पत्र भेजा है।
ट्रॉमा सेंटर में कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती होने के बाद इमरजेंसी भर्ती का सिस्टम बदल गया है। इसके लिए वृद्धावस्था मानसिक रोग विभाग में स्क्री निंग सेंटर बनाया गया है। यहां पर 50 बेड का इमरजेंसी वार्ड भी है। यहां से कोरोना की जांच कंफर्म होने के बाद दूसरे विभाग में मरीज भेजे जाते हैं। प्रॉक्टर प्रो. आरएएस कुशवाहा के मुताबिक गुरुवार को दिन में डेढ़ बजे मरीज को लेकर परिवार जन आए। उन्हें गार्ड ने सोशल डिस्टें सिंग के पालन लिए लाइन में लगने का हवाला दिया। इसी बीच परिजन व गार्डों में कहासुनी मारपीट में तब्दील हो गई। आरोप है कि परिवारजनों ने ड्यूटी पर तैनात गार्ड, कर्मचारी, डॉक्टरों पर हमला बोल दिया। महिला स्टाफ को भी पीटा। ईंट-पत्थरों से खिड़की, सीशा, फर्नीचर तोड़ डाले। अंदर रखा सामान तोड़ डाला। उधर, चर्चा है कि गंभीर मरीज के भर्ती करने में हीलाहवाली की गई। ऐसे में परिवाजन व स्टाफ में भिडंत हो गई।
घंटे भर तक व्यवस्था रही ध्वस्त
इमरजेंसी में मारपीट होने पर घंटे भर तक भर्ती की व्यवस्था ध्वस्त रही। गंभीर मरीज एंबुलेंस में तड़पते रहे। उनकी स्क्रीनिंग कर वार्ड में नहीं पहुंचाया जा सका। ऐसे में दर्जनभर के करीब मरीज लौट गए। इमरजेंसी में अफरा-तफरी का माहौल कायम रहा।
पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप
प्रॉक्टर प्रो. आरएएस कुशवाहा ने पुलिस को पत्र लिखकर एफआइआर दर्ज करने की मांग की। इसमें कुछ गाड़ी नंबर व कैमरे की फुटेज भी जारी किए गए। वहीं कुल सचिव आशु तोष द्विवेदी ने पुलिस उप आयुक्त पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की। साथ ही कहा कि सूचना पर आई पुलिस ने त्वरित कार्रवाई नहीं की। ऐसे में उपद्र वी भाग गए।
कुलपति के नाम से फर्जी मेल
कुल सचिव आशुतोष कुमार द्विवेदी ने पुलिस को एक और पत्र भेजकर शिकायत की। इसमें फर्जी आइडी बनाकर कुल पति के नाम से संकायसदस्यों को फर्जी मेल करने के आरोप हैं। यह मामला पहले भी आ चुका है। अब पुलिस से कार्रवाई की मांग की गई है।