Today Breaking News

मुंबई से 35 घंटे में वाराणसी पहुंची ट्रेन, भोजन ही नहीं पानी को भी तरसे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी। मुंबई के कुर्ला स्टेशन से चलकर गुरुवार को कैंट स्टेशन आई श्रमिक स्पेशल ट्रेन में यात्री भूख और प्यास से बेहाल थे। दोपहर दो बजे पहुंची ट्रेन के प्रवासी मजदूरों और यात्रियों को बीच के किसी भी स्टेशन पर न ही खाना मिला, न तो कहीं पर पानी भरने दिया गया। भूख और प्यास से बेहाल लोग कैंट स्टेशन पर उतरे। सबसे अधिक बच्चों की हालत खराब थी। यात्रियों ने बताया कि कुर्ला से 13 मई की सुबह तीन बजे ट्रेन चली। इटारसी स्टेशन पर पानी भरने के लिए उतरे तो लाठियां फटकार कर उन्हें ट्रेन में खदेड़ दिया गया। 

बड़ागांव क्षेत्र के संजय मौर्या मुंबई के कांदीवली से लौट रहे थे। पत्नी रेनू और दो बच्चे श्रेया, सिमरन थीं। बताया कि भोर में तीन बजे ट्रेन में बैठाया गया तो पति-पत्नी के लिए खाना मिला। जहां रहते थे, वहीं से पानी लिया था। इटारसी आते-आते पानी खत्म हो गया। बच्चों को प्यास लगी थी। स्टेशन पर उनके अलावा कई यात्री पानी लेने के लिए उतरे तो पुलिस ने डंडे फटकार कर भगा दिया। वहां बताया गया कि जबलपुर में खाना और पानी मिलेगा। जबलपुर में कुछ भी नहीं मिला। 

अधिकतर यात्री भूखे-प्यासे यहां तक आये हैं। इसी ट्रेन से सुल्तानपुर के मोहम्मद सुल्तान दो बच्चियों और पत्नी के साथ लौटे। बताया कि इटारसी तक ही सभी का खाना-पानी खत्म हो गया था। ट्रेन जहां रुकती, बताया जाता कि अगले स्टेशन पर मिलेगा। यहां पहुंच गये, लेकिन पानी तक नहीं मिला। अब बस किसी तरह घर पहुंचना है।

राशन और रुपये खत्म होने के बाद लौटना मजबूरी
सुल्तानपुर के रहमान, गाजीपुर के सुनील का कहना था कि मुंबई में हालत बहुत खराब है। हम इतने दिन तक वहां रह सके जबतक राशन और रुपये थे। अब सब खत्म हो गया था। किसी भी हाल में घर लौटना मजबूरी थी। अगर नहीं लौटते तो भूख से मर जाते। कारण, वहां का प्रशासन कोई मदद नहीं कर रहा। केवल घरों में रहने के लिए कड़ाई बरती जा रही है। आखिर घर में रहकर कितने दिन तक गुजारा हो सकता है। 

सब छोड़ आये हैं, समय सुधरेगा तो जाएंगे
गुजरात के अंकालेश्वर से आई ट्रेन के कई प्रवासी मजदूरों का कहना था कि जहां काम करते थे, सबकुछ वहीं छूट गया है। अब जाने की स्थिति बनेगी तभी जाएंगे। गाजीपुर के बलवंत चौहान परिवार के साथ राजकोट से लौटे। बताया कि कंपनी में काम करता था। किराये के एक कमरे में रहता था। पत्नी व बच्ची के साथ लौट आया हूं। गोपीगंज के विकास कुमार भी राजकोट में एक कंपनी में काम करते थे। बताया कि अब नहीं लौटेंगे। दिन बड़ी मुश्किल से कटे हैं। बाद में हालात सुधरेंगे तो देखा जाएगा।
'