गाजीपुर: फसलों पर पाकिस्तानी टिड्डी दल के हमले का मंडरा रहा खतरा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर प्रदेश समेत पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाको में फसलों को नुकसान पहुंचाने वाला कीट टिड्डी दल का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। दैनिक जागरण में भी प्रकाशित खबर के अनुसार आसपास के जनपदों सहित गाजीपुर में भी टिड्डी दल के आक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। वह खेतों में जायद की फसलों में मूंग, उड़द एवं हरी सब्जियों के लिए गंभीर खतरा हैं। इसकी सुरक्षा के लिए एहतियात बरतना होगा। कृषि विज्ञान केंद्र, पीजी कॉलेज के फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डा. ओमकार सिंह ने किसानों को ऐसे कीट से सावधान रहने की सलाह दी है।
डा. ओमकार सिंह ने बताया कि टिड्डी दल राजस्थान से मध्य प्रदेश होते हुए उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में प्रवेश हो चुका है। फिलहाल हाल झांसी में इनके आक्रमण की सूचना प्राप्त हुई है। टिड्डी दल में करोड़ों की संख्या में लगभग दो ढाई इंच लंबे कीट होते हैं जो फसलों को कुछ ही घंटों में चट कर जाते हैं। यह सभी प्रकार के हरे पत्तों पर आक्रमण करते हैं। ये टिड्डी दल किसी क्षेत्र में शाम छह से आठ बजे के आसपास जमीन पर बैठ जाते हैं। वहीं पर रात भर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके बाद सुबह 8-9 बजे के करीब उड़ान भरते हैं। टिड्डी दल फसलों एवं समस्त वनस्पति को खाकर चट कर देता है। इनको उस क्षेत्र से हटाने या भगाने के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से भोर का समय उपयुक्त होता है।
ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से आवाज कर उनको अपने खेत पर बैठने न दें। अपने खेतों में आग जलाकर, पटाखे फोड़ कर, थाली बजाकर, ढोल-नगाड़े बजाकर आवाज करें। ट्रैक्टर के साइलेंसर को निकाल कर भी तेज ध्वनि कर सकते हैं। इसके अलावा खेतों में कल्टीवेटर या रोटावेटर चलाकर के टिड्डी को तथा उनके अंडों को नष्ट किया जा सकता है। प्रकाश प्रपंच लगाकर एकत्रित किया जा सकता है। जब यह जमीन पर बैठते हैं तो इसी अवधि में इनके ऊपर कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करके इनको मारा जा सकता है।
टिड्डी की नियंत्रण हेतु बेन्डियोकार्ब 80:125 ग्राम या क्लोरपाइरीफास 20: ईसी 1200 मिली या क्लोरपाइरीफास 50: ईसी 480 मिली या डेल्टामेथरिन 2.8: ईसी 625 मिली या डेल्टामेथरिन 1.25: एस.सी. 1400 मिली या डाईफ्लूबेनज्यूरॉन 25: डब्ल्यूपी 120 ग्राम या लैम्ब्डा.साईहेलोथ्रिन 5: ईसी 400 मिली या लैम्ब्डा. साईहेलोथ्रिन 10: डब्ल्यूपी 200 ग्राम प्रति हैक्टेयर कीटनाशकों का उपयोग किया जा सकता है। या मेलाथियान 5: डी फीसद की 25 किलो मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से भुरकाव करें। यदि आपके क्षेत्र में टिड्डी दल दिखाई देता है तो उपरोक्त उपाय को अपनाते हुए तत्काल अपने क्षेत्र के कृषि विभाग के अधिकारियों अथवा कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से तत्काल संपर्क करें।