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मैं इतना अकेला पड़ गया हूं कि जिंदा नहीं रह सकता हूं.., इतना लिख युवक ने लगाई फांसी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर, मैं इतना अकेला पड़ गया हूं कि जिंदा नहीं रह सकता हूं.., ऐसी चंद इबारत लिखकर एक युवक ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इकलौते बेटे की मौत से माता-पिता बदहवास हो गए तो परिवार वालों में कोहराम मच गया। सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा ये छात्र परीक्षा में सफलता न मिलने और घर वालों की उपेक्षा से हताश हो गया था। पुलिस ने उसके कमरे से सुसाइड नोट बरामद किया है।

बेटे का शव फांसी पर लटका देख चीख पड़ी मां
बंगाली मोहाल निवासी सर्राफ अवध बिहारी वर्मा का 25 वर्षीय बेटा कार्तिकेय पढ़ने होनहार था और पढ़ाई पूरी करने के साथ सिविल सर्विसेज (आइएएस) की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था। वह कई अटेंप्ट दे चुका था लेकिन अभी सफलता नहीं मिली थी। शुक्रवार रात खाना खाकर वह भी अपने कमरे में सोने चला गया था। शनिवार की सुबह मां पूनम कमरे में गई तो बेटे को फांसी के फंदे पर पंखे से लटका देखकर चीख पड़ी।

इकलौते बेटे की मौत से बेसुध हो गए माता-पिता
मां पूनम की चीख सुनकर परिवार वाले भी आ गए और आनन फानन कार्तिकेय को फांसी के फंदे से उतारकर उर्सला अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने परीक्षण के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। इकलौते बेटे की मौत से माता-पिता बेसुध हो गए और परिवार में कोहराम मच गया। सूचना पर घर पहुंची पुलिस को तलाशी में कमरे से सुसाइड नोट मिला। चाचा राजेंद्र ने पुलिस को बताया कि कार्तिकेय कुछ दिन से मानसिक तनाव में था। थाना प्रभारी संजीवकांत मिश्र ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षा में सफलता न मिल पाने की वजह से युवक अवसाद था, जिसकी वजह से उसने जान दे दी। सुसाइड नोट में भी उसने इस बात का जिक्र किया है।

सुसाइड नोट में लिखीं ये बातें
कार्तिकेय ने फांसी लगाने से पहले सुसाइड नोट लिखा था, जो पुलिस को कमरे में मिला है। उसमें कार्तिकेय ने लिखा है कि मैं आइएएस की तैयारी करने वाला और इस बात के लिए बहुत खुश रहने वाला हूं कि अगर इमानदारी से 14 घंटे के आसपास पढ़ता हूं तो मेरा सेलेक्शन हो ही जाएगा। एक लड़का हूं, बहुत मजबूत हूं, शरीर से, दिमाग से। समस्या ये है कि सारे के सारे बाहर वाले तो मेरी भरपूर इज्जत करते हैं लेकिन मेरे परिवार में न जाने क्यूं हमेशा मुझसे नाराज रहते हैं।

मैं इस वजह से अब इतना अकेला पड़ गया हूं कि एेसे में जिंदा नहीं रह सकता हूं तो ये कदम मैं मजबूरी में उठा रहा हूं। सबको मेरा प्यार, स्नेह और आशीर्वाद। प्लीज मेरे मम्मी-पापा को परेशान मत करना कोई भी। पुलिस, सरकार और कानून से मेरी ये विनती है कि मेरी आखिरी इच्छा यही है कि मेरी मौत के बाद मम्मी-पापा को पूछताछ या कोई कार्यवाही के चलते परेशान न किया जाए और अगर उन्हें परेशान किया गया तो मैं कभी या मेरी आत्मा एेसा करने वाले को माफ नहीं करेगी।
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