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शहीद अश्वनी को अंतिम विदाई देने उमड़ा जनसैलाब, मासूम बेटी के सलामी देते ही छलकीं आंखें

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर कुपवाड़ा में शहीद सीआरपीएफ जवान अश्वनी कुमार यादव को बुधवार को उनके पैतृक गांव गाजीपुर के चकदाऊद में अंतिम विदाई देने जनसैलाब उमड़ पड़ा। मासूम बेटी आयशा ने भी पिता को सैल्यूट कर नमन किया। उसके सलामी देते ही सभी की आंखें छलक पड़ीं। शहीद की मां और पत्नी की हालत बेहद खराब हो गई। घर के बाहर तक पहुंच चुके पार्थिव शरीर तक आने के लिए सहारा लेना पड़ा। ऐसा लग रहा था जैसे पैर जवाब दे गए हों। पति का शव देखते ही पत्नी अंशु फूट पड़ी। बेटे के ताबूत को पकड़कर मां उसी के सहारे लटक गई। यह दृश्य देख कोई भी खुद को रोने से रोक नहीं सका। दोनों छोटे भाई एक किनारे बिलखते रहे। किसी तरह दोस्त यार उन्हें संभालते और सांत्वना देते रहे। शहीद के दोनों मासूम बच्चों को परिवार के अन्य सदस्यों ने गोद में ले रखा था। उन्हें तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। कभी पिता के पार्थिव शरीर तो कभी लोगों को देखते रहे। 
इससे पहले शहीद का पार्थिव शरीर विशेष विमान से वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट लाया गया। यहां से फूलों से सजे वाहन पर गाजीपुर के पैतृक गांव पहुंचाया गया। जैसे ही वाहन गांव में पहुंचा कोहराम मच गया। अपने लाल का अंतिम दर्शन करने लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। पुलिस ने लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग के पालन का आग्रह किया था लेकिन पार्थिव शरीर पहुंचते ही अपने वीर को देखने की लालसा ने सबकुछ भुला दिया। 

जैसे जैसे पार्थिव शरीर लेकर वाहन शहीद के घर की तरफ बढ़ता रहा वैसे वैसे अश्वनी यादव अमर रहे का गगनभेदी नारा भी बुलंद होता रहा। दोनों तरफ पहले से खड़े लोग अपने वीर के पार्थिव शरीर पर फूलों की वर्षा भी करते रहे। घर के सामने पहुंचने पर सीआरपीएफ जवानों के साथ ग्रामीणों ने अपने लाल के पार्थिव शरीर को कंधों पर उठा लिया। घर के बाहर ही पहले से श्रद्धांजलि देने के लिए फूलों से सजा मंच बनाया गया था। उस पर पार्थिव शरीर रखा गया। बारी-बारी से लोगों ने पुष्प गुच्छ और फूल-माला चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी।

शहीद की मां लालमुनी और पत्नी पार्थिव शरीर के पास पहुंचीं तो उनका हाल देख साथ आईं महिलाएं बिलख पड़ीं। चार साल के बेटे आदित्य और छह साल की बेटी आयशा को भी पिता के पार्थिव शरीर के पास लाया गया। मासूमों को देख हर किसी की आंखें नम हो गईं। 
दोपहर 12.05 से 1.40 तक करीब पौने दो घंटे तक लोगों ने अपने वीर को श्रद्धा सुमन अर्पित किये। सबसे पहले सीआरपीएफ की सशस्त्र गारद की ओर से सलामी दी गई। इसके बाद जिलाधिकारी और अन्य अफसरों के साथ जनप्रतिनिधियों ने श्रद्धांजलि दी। अंतिम यात्रा गंगा घाट के लिए शुरू होते ही एक बार फिर महिलाओं की दिल दहला देने वाली चीख ने सभी को रुला दिया। कुछ दूर तक पैदल चलने के बाद पार्थिव शरीर वाहन पर रख दिया गया। कई वाहनों के काफिले के साथ शवयात्रा दस किलोमीटर दूर गंगा घाट पर पहुंची। घाट पर अंतिम सलामी के बाद पार्थिव शरीर से लिपटा तिरंगा झंडा परिजनों को सौंपा गया। रोते बिलखते छोटे भाई मुलायम सिंह यादव ने बोझिल कदमों के साथ भाई को मुखाग्नि दी।
इस दौरान मुख्य रूप से डीएम ओमप्रकाश आर्य, एसपी ओमप्रकाश सिंह, भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह, सपा जिलाध्‍यक्ष रामधारी यादव, विधायक वीरेंद्र यादव, पूर्व विधायक सिबगतुल्‍लाह असांरी, विजय यादव, राजेंद्र यादव, ग्राम प्रधान संघ जिलाध्‍यक्ष भयंकर यादव, जिला पंचायत सदस्‍य अजय यादव, कमलेश यादव, ग्राम प्रधान चंचल सिंह, अक्षय लाल कुशवाहा आदि मौजूद रहे।

जिलाधिकारी ने पत्नी और मां को सौंपा चेक
शहीद का शव पहुंचते ही कुछ देर के लिए माहौल तनावपूर्ण हो गया। ग्रामीणों ने एक मांग पत्र प्रदेश और केंद्र सरकार के नाम अधिकारियों को सौंपा। डीएम ने शासन ओर से घोषित आर्थिक पैकेज के बारे में जानकारी दी। शहीद के परिवार वालों से अलग से बात भी की। शहीद की पत्नी को 20 लाख और मां को पांच लाख के आर्थिक मदद का चेक सौंपा। बताया कि शासन की ओर से घोषित 50 लाख रुपये की घोषणा हुई है। इसके अलावा परिवार के एक सदस्य को नौकरी की बात भी कही।
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