चेतावनी के बाद भी प्रवासियों के लिए नहीं मिलीं निजी बसें, 369 बस मालिकों पर एफआईआर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी। ट्रेनों और अन्य साधनों से वाराणसी आ रहे प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए सरकारी बसें कम पड़ने के बाद डीएम ने निजी बस मालिकों से उनकी गाड़ियां मांगी थीं। बसें नहीं देने पर एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी दी गई थी। चेतावनी के बाद भी 406 में से केवल 37 बसें ही उपलब्ध हुईं। 369 बस मालिकों ने वाहनों के अधिग्रहण आदेश के बावजूद गाड़ियां नहीं दीं। इन सभी बस मालिकों के खिलाफ रविवार की शाम एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के अनुसार इन बस मालिकों ने अपनी गाड़ियां उपलब्ध नहीं कराई। न ही इस संबंध में कोई लिखित सूचना दी। बसें नहीं मिलने के कारण वाराणसी कैण्ट रेलवे स्टेशन पर पहुंचे श्रमिकों को पहुंचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लंबा सफर कर वाराणसी पहुंचे लोगों के असंतोष का सामना अधिकारियों को करना पड़ा। डीएम के अनुसार इससे सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न हुई और आपदा प्रबन्धन अधिनियम के अन्तर्गत किये गये अधिग्रहण आदेश का अनुपालन नहीं हुआ।
डीएम ने इसे गंभीरता से लेते हुए सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी अरूण कुमार राय को केस दर्ज कराने का निर्देश दिया। इसके बाद बड़ागांव थाने में 369 बसों के मालिकों के खिलाफ आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 की धारा-51 के तहत एफआईआर दर्ज करा दी गई। डीएम ने एक बार फिर चेतावनी दी कि कोरोना की रोकथाम के लिए हो रहे प्रयासों में किसी प्रकार की लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।