एक साल के बेटे और साइंटिस्ट मां ने 15 दिन में कोरोना को हराया
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी। बीएचयू की साइंटिस्ट मां अपने एक साल बेटे और पिता के साथ सोमवार को घर पहुंचीं। बागबरियार सिंह मुहल्ले में तीनों का तालियों से स्वागत किया गया। तीनों ने मात्र 15 दिनों में कोरोना को रहा दिया है। अब सभी होम क्वारंटीन में रहेंगे।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के माइक्रोलॉजी विभाग के वॉयरोलॉजी प्रयोगशाला में कार्यरत महिला साइंटिस्ट बीते दो मई को कोरोना संक्रमित हो गई थी। तीन मई को उनके परिवार के लोगों का सैंपल लिया गया। इसमें साइंटिस्ट के पिता और उसका एक साल का बेटा संक्रमित मिला। तीनों को बीएचयू के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था।
सोमवार को तीनों की चौबीस घंटे के भीतर दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आने पर डिस्चार्ज कर दिया गया। तीनों का अस्पताल में सम्मान के बाद एम्बुलेंस जब इनके घर पहुंची तो मुहल्ले के सभी लोग अपने घरों के बाहर आकर खड़े हो गए और ताली बजाकर स्वागत किया। जिले में अब डिस्चार्ज होने वालों की संख्या 68 हो गई है।
बनारस में युवा तो कोरोना को हरा रहे हैं लेकिन बच्चे और बुजुर्ग भी कोरोना को मात दे रहे हैं। बीएचयू में भर्ती साइंटिस्ट का एक साल का बेटा कोरोना को हराकर घर लौट आया है। इससे पहले दवा व्यापारी का डेढ़ साल का भांजा भी कोरोना को हरा चुका है। वहीं जैतपुरा के कमालपुरा निवासी 6 साल की बच्ची भी कोरोना को मात दे चुकी है। बच्चे तो बच्चे बुजुर्ग भी कोरोना को हराने में पीछे नहीं है। पितरकुंडा के 75 वर्षीय सुपारी व्यापारी और मदनपुरा के 75 वर्षीय बुजुग भी कोरोना को हरा चुके हैं।
सिर्फ लड़े ही नहीं कोरोना भी दी मात
बीएचयू लैब में कोरोना की जांच करने वाली सांइटिस्ट डिस्चार्ज होकर अपने घर जा चुकी हैं। बनारस में अब तक 12 पुलिसकर्मी और पांच स्वास्थ्यकर्मी भी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इसमें 11 पुलिसकर्मी कोरोना को हराकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। वहीं शिवपुर पीएचसी केंद्र पर तैनात वार्ड बॉय जो कोराना का सैंपल लेकर बीएचयू में जांच के लिए जाता था। वह संक्रमित हो गया था। वह भी कोरोना को हराकर अपने घर लौट चुके हैं। एक पुलिसकर्मी और तीन स्वास्थ्यकर्मी का इलाज चल रहा है। इसमें जैतपुरा थाने का हेड कांस्टेबल और जामिया अस्पताल के दो कंपाउंडर और एडी ऑफिस का चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी शामिल हैं।