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LockDown 3.0: घर लौटे श्रमिक, बोले- अब मिला सुकून...देखे बहुत बुरे दिन

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ, नासिक में मार्च माह से फंसे श्रमिकों के चेहरे पर आज (रविवार) सुकून था। चारबाग स्टेशन पर उतरते उन्होंने खुशी बयां की और सरकार को धन्यवाद दिया कि कम से कम किसी ने तो  उनकी सुध ली। रोडवेज सेवाओं से जिलों और घर तक पहुंचाने की प्रदेश सरकार की पहल को श्रमिकों ने जमकर सराहा और शुक्रिया कहा। 

प्रतापगढ़ के अनिल कुमार सरोज बताते हैं कि मुश्किल दौर से गुजरे हैं। न पैसा था और न ही राशन। एक माह तक तो किसी तरह काम चला फिर यह कहा गया कि अब कोई और ठिकाना ढूंढ लो जब जरूरत होगी तो फिर बुला लिया जाएगा। प्रदेश सरकार ने ख्याल किया। अब हम अपनों के पास हैं।

कौशांबी राजेश कुमार के मुताबिक, जहां काम करते थे वहां से निकाल दिया गया। खाने-पीने के लाले पड़ गए। न पैसा था और न ही कोई साथ देने वाला। सभी सहमे थे कि क्या होगा। इसी बीच सरकार के ट्रेन चलाने के फैसले से बड़ी राहत मिली। चारबाग में मदद को रोडवेज बसें देख प्रदेश सरकार को बधाई दी।


गाजीपुर विजय कुमार ने बताया कि दुकानदार ने कहा कि चालीस दिन से रखे हैं अब नहीं रख पाएंगे। कोई दूसरी जगह तलाश लो। निकाल दिया। पैसा और खाने का सामान भी नहीं। बुरे दिन थे। कुछ दिन तो किसी तरह बीते कि सरकार कीट्रेन चलाने की सूचना ने रास्ता आसान कर दिया।

फतेहपुर राजू के मुताबिक, ओसई में समोसा बनाने का काम करते थे। लॉकडाउन ने रोजगार छीन लिया। दुकानदार मदद को तैयार नहीं। हाल फांके तक पहुंच गया। पास में राशन था नहीं। सो पैदल ही चल दिए। आज अपने प्रदेश आए तो संतोष मिला।

उल्लासनगर शिवकुमार सिंह ने बताया कि शटरिंग की दुकान पर पर काम कर रहे थे कि अचानक लॉकडाउन के चलते काम धंधा बंद हो गया। पैदल ही निकल पडे़। पदरेस में कोई मददगार नहीं मिला। आज अपने प्रदेश में पहुंचकर सुकून की सांस ली है। बहुत बुरे दिन थे। सरकार की मदद ने हौसला दिया।

लखनऊ के दो यात्री किए गए क्वरंटाइन
जो सूची मिली थी उसमें राजधानी लखनऊ के चार यात्रियों का जिक्र था। सूची में प्रदीप कुमार यादव, रमेश कुमार यादव, सूरज कुमार और परवेज आलम को दर्शाया गया था। लेकिन इनमें से कोई नहीं था। फोन नंबर मिलाए जाने पर भी तस्दीक नहीं हुई। बाद में लखनऊ के प्रदीप कुमार शर्मा और उनकी पत्नी की पुष्टि की गई। जांच के बाद इन्हें बीकेटी में बनाए गए क्वरंटाइन सेंटर में भेज दिया गया है।


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