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गाजीपुर: भूखे प्यासे घंटों लाइन में खड़े रहे प्रवासी मजदूर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर सोमवार को सुबह से लेकर रात तक प्रवासी मजदूरों के जनपद में आने का सिलसिला जारी रहा। गाजीपुर सिटी रेलवे स्टेशन परिसर पर सैकड़ों की संख्या में जामनगर, अलवर, सूरत, राजकोट आदि स्थानों से आए मजदूर बिना खाए-पीए बस का इंतजार करते देखे गए। इन्हें गंतव्य तक ले जाने के लिए पहले से ही बसें खड़ी थी। लेकिन यहां बारी-बारी से सबका स्वास्थ्य परीक्षण चल रहा था। ऐसे में यात्रा से थके सैकड़ों युवा, बुजुर्ग व महिलाएं लाइन में खड़े होकर और जमीन पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।

प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित घर भेजने के लिए सुबह से रात्रि एक बजे तक कोरोना योद्धा भी रेलवे स्टेशन पर डटे रहे। जिला और पुलिस प्रशासन ने इन्हें घर तक पहुंचाने के लिए दर्जनों रोडवेज बसें खड़ी कर रखी थी। बसों के कंडक्टर और पुलिस के जवान आवाज दे रहे थे। बसें प्रतापगढ़, प्रयागराज, भदोही, वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़, बलिया आदि जनपदों को जाने के लिए तैयार थीं। बस में बैठने की सूचना मिलते ही लोग बस की तरफ लपक रहे थे। इस बीच पुलिस थोड़ी सख्ती दिखाते हुए लोगों को धीरे-धीरे गाड़ी के अंदर पहुंचने और सामाजिक दूरी का पालन करने का निर्देश देती रही। अभी एक बस लोगों को लेकर निकलती थी कि दूसरी में चढ़ने के लिए लोग जमा हो जाते थे। घंटों यह सिलसिला जारी रहा। सुबह से शाम तक हजारों की संख्या में लोग अपनी बदहाली का सर्टीफिकेट माथे पर चिपकाए अपने गांव लौटने के लिए जमा थे।

इसी दौरान रात करीब एक बजे हमारी नजर कुछ स्वास्थ्य कर्मियों पर पड़ी । वह हाथों में सेनेटाइजर लेकर चारों तरफ डाल रहे थे। यह सब चल ही रहा था कि तभी भूख से तिलमिला रहे प्रवासियों के सामने कुछ लंच पैकेट व बिस्कुट लाए गए। उस पर युवा टूट पड़े। लंच पैकेट मजदूरों की संख्या के एक चौथाई भी नहीं था। इसके लिए छीनाझपटी भी हुई। यह स्थिति सुबह से ही देखने को मिल रही थी। सोमवार को पहली ट्रेन जामनगर से गाजीपुर सिटी रेलवे स्टेशन पर सुबह पांच बजे पहुंची थी। उसमें कुल 1200 प्रवासी मजदूर मौजूद थे। लेकिन नाश्ता देते समय हां मात्र 300 लंच पैकेट ही मौजूद था। लंच पैकेट के लिए छिनाछपटी होती रही। एक-एक कर कुल पांच ट्रेनें गाजीपुर सिटी रेलवे स्टेशन पर पहुंची। अंतिम ट्रेन रात 1:00 बजे पहुंची थी। हर बार प्रवासी मजदूरों को बिस्कुट व लंच पैकेट देते समय यही हालात देखने को मिला।
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