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शहीद अश्वनी की अंतिम सेल्फी देख रो रहा परिवार, आतंकी हमले से दो घंटे पहले पत्नी से की थी बात

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर कश्मीर के कुपवाड़ा में सोमवार को आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ जवान अश्वनी ने अपनी पत्नी से घटना से दो घंटे पहले ही बात की थी। अब शहीद की भेजी अंतिम सेल्फी देख-देखकर पूरा परिवार रो रहा है। अश्वनी ने यह सेल्फी पत्नी के मोबाइल पर रविवार को ही भेजी थी।  

अश्वनी ने पत्नी अंशु से बात करते हुए कहा था कि उनकी टीम अभी चक्रवाल पर है। ड्यूटी खत्म होने वाली है। हम लोग आज जंगल इलाके में निकले हैं। यहां से बेस कैंप पर पहुंचेंगे। पत्नी ने घर की कुछ परेशानियां भी बताईं। इस पर कहा कि छुट्टी पर जब घर आएंगे तब सभी काम निपटाएंगे। बेटी को साइकिल भी खरीद कर देनी है। उसकी पढ़ाई पर हमेशा ध्यान देना। उसे डाक्टर बनना है। पत्नी अब उन्हीं बातों को याद कर रो रही हैं।

अश्वनी का पार्थिव शरीर मंगलवार की शाम तक आने की उम्मीद है। अधिकारियों को वाराणसी के बाबतपुर स्थित हवाई अड्डे पर शाम चार बजे पार्थिव शरीर आने की सूचना मिली है। वहां से सड़क मार्ग से गाजीपुर के नोनहरा थानाक्षेत्र के चकदाउद गांव स्थित घर पर पार्थिव शरीर लाया जाएगा। इससे पहले बाबतपुर एयरपोर्ट पर भी अधिकारियों की ओर से श्रद्धांजलि दी जाएगी।

सोमवार को कुपवाड़ा में हुए हमले में अश्वनी के साथ सीआरपीएफ के दो और जवान शहीद हो गए थे। सोमवार की रात अश्वनी के शहीद होने की सूचना मिलने के बाद से उनके घर लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है। रोते-बिलखते परिवार को किसी तरह आसपास की महिलाएं और गांव वालें संभालने और सांत्वना देने में लगे हुए हैं। 
गांव के युवाओं में अश्वनी के शहीद होने से गम है तो पाकिस्तान को लेकर गुस्सा भी है। गांव के युवा सरकार से बदला लेने की मांग कर रहे हैं। सरकार पर सख्त रुख अपनाने हुए एक के बदले दस पाकिस्तानियों के शव मांग रहे हैं। अश्वनी की बातें, उनका व्यवहार इस समय गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है। अश्वनी 2005 में इलाहाबाद से सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। तब उनके साथ गांव के ही कई युवा भी परीक्षा देने गए थे। लेकिन तब गांव से केवल उनका ही सेलेक्शन हुआ था। अश्वनी के व्यवहार के कायल गांव वालों के अनुसार अश्वनी जब भी आते युवाओं को सेना में भर्ती के लिए प्रेरित करते थे। 

कुछ साल पहले पिता के निधन के बाद से अश्वनी ही परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य थे। घर पर उनके अलावा मां लालमनी, पत्नी अंशु, बेटी आयशा और बेटा आदित्य के अलावा दो छोटे भाई अंजनी और मुलायम हैं। छोटे भाइयों के अनुसार अश्वनी हमेशा आयशा को डॉक्टर बनाने की बातें करते थे। अब भैया नहीं हैं तो उसे डाक्टर बनाने  की हम लोगों की जिम्मेदारी है। उनकी अंतिम इच्छा को पूरा किया जाएगा। अगर मौका मिला तो हम भी देश सेवा के लिए जाएंगे।

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