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यात्रियों को प्राइवेट ट्रेन के लिए करना होगा इंतजार, चलती रहेंगी स्पेशल ट्रेनें

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने कहा कि मई में प्राइवेट ट्रेन (Private Train) तेजस एक्सप्रेस (Tejas Express) शुरू नहीं होंगी.
गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. भारतीय रेलवे (Indian Railway) की सब्सिडियरी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने कहा कि मई में प्राइवेट ट्रेन (Private Train) तेजस एक्सप्रेस (Tejas Express) शुरू नहीं होंगी. IRCTC सूत्रों के मुताबिक, जिन रूट्स पर प्राइवेट ट्रेनें चलाई जा रही थीं, वो कोरोना वायरस (Coronavirus) के हॉटस्पॉट हैं. इसलिए फिलहाल इन रूट्स पर प्राइवेट ट्रेनें शुरू नहीं होंगी. बता दें कि प्राइवेट ट्रेनें तेजस एक्सप्रेस दिल्ली-लखनऊ, अहमदाबाद-मुंबई और वाराणसी-इंदौर के बीच शुरू की गई थी. लेकिन कोरोना वायरस महामारी के बाद 22 मार्च से इन ट्रेनों का परिचालन बंद है. बता दें कि प्राइवेट ट्रेनों का परिचालन आईआरसीटीसी करती है.

सूत्रों के मुताबिक, प्राइवेट ट्रेनों के परिचालन के लिए सरकार से हरी झंडी नहीं मिली है. इसलिए आईआरसीटीसी इनका परिचालन अभी शुरू नहीं करेगी.

15 स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू
रेलवे ने 12 मई से 15 स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं. नई दिल्ली से निकलने वाली ये ट्रेनें डिब्रूगढ़, अगरतला, पटना, बिलासपुर, रांची, भुवनेश्वर, सिकंदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, तिरुअनंतपुरम, मडगांव, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद और जम्मू तवी जाएंगी. यानी देश के सभी हिस्सों को जोड़ने की कोशिश की गई है. ये सभी एयर कंडीशन ट्रेनें राजधानी एक्सप्रेस के रूट पर चलाई गयी हैं और किराया भी राजधानी जितना ही रखा गया है. इसके बावजूद यात्रियों को राजधानी जैसी सुविधायें नहीं मिल पाएंगी.

इन रूट्स पर चलती हैं प्राइवेट ट्रेन
देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस का परिचालन लखनऊ से दिल्ली रूट पर हुआ था. इसके बाद दूसरी प्राइवेट ट्रेन अहमदाबाद-मुंबई रूट पर शुरू थी. तीसरी प्राइवेट ट्रेन वाराणसी से इंदौर के लिए शुरू हुई थी.

चलेंगी 150 प्राइवेट ट्रेनें
सरकार की एक उच्च स्तरीय समिति ने देश में 100 रेलमार्गों पर लगभग 150 प्राइवेट ट्रेनों के परिचालन का रास्ता साफ किया है. इन 100 रेलमार्गों में मुंबई-दिल्ली तथा हावड़ा दिल्ली जैसे व्यस्त मार्ग शामिल हैं. प्राइवेट कंपनियों द्वारा चलाए जाने वाले इन ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. किराया कितना होगा इसका फैसला प्राइवेट कंपनियां खुद तय कर सकेंगी. ट्रेन के 15 मिनट से अधिक विलंब होने पर कंपनियों को यात्रियों को हर्जाना देना होगा.
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