गाजीपुर: योगी सरकार के फैसले से आक्रोशित सरकारी कर्मचारियों ने काला फीता बांधकर जताया विरोध
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर योगी सरकार द्वारा कर्मचारियों के भत्ते खत्म किए जाने के विरोध में मंगलवार को जिले के सभी कार्यालयों में कर्मचारियों ने काला फीता बांधकर कार्य किए। पीएम व सीएम को ईमेल और ट्वीट कर अपनी नाराजगी भी जताएं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष दुर्गेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि भत्ते समाप्त करने से राज्य कर्मचारियों में जबरदस्त असंतोष है और अब आर-पार का आंदोलन शुरू किया जाएगा। सरकार ने केवल कर्मचारियों के वेतन पर ही कैंची चलाई है। आखिर प्रदेश सरकार सिर्फ भत्ता काटने में ही क्यों केंद्र की बराबरी कर रही है। अगर वह केंद्र की बराबरी कर रही है तो ट्रांसपोर्ट भत्ता और एजुकेशन भत्ता समेत वह तमाम भत्ते दे जो केंद्रीय कर्मचारियों को मिलते हैं।
सरकार द्वारा कर्मचारियों को मिल रहे छह भत्ते पूरी तरह समाप्त करने पर कड़ा एतराज जताते दुर्गेश श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसे निर्णय कर्मचारियों के साथ सौतेलेपन का प्रतीक है। सरकार द्वारा जारी शासनादेश में यह कहा गया है कि केंद्र में प्राप्त हो रहे भत्तों की समानता के लिए इन छह भत्तो को समाप्त किया जा रहा है, लेकिन केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलने वाला मकान किराया भत्ता उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों को मिलने वाले मकान किराया भत्ता से कई गुना अधिक है। वही ट्रांसपोर्ट भत्ता और एजुकेशन भत्ता प्रदेश के कर्मचारियों को दिया ही नही जा रहा है। राज्य सरकार यदि केंद्र के कर्मचारियों के समान भत्तो की समानता के लिए कुछ भत्तों को समाप्त करना चाहती है तो उन्हें केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलने वाले सभी भत्तों को प्रदेश में कर्मचारियों को प्रदान करने चाहिए।
वही कर्मचारियों को आशा थी कि कोरोना संक्रमण के महामारी से निपटने वाले कर्मचारियों को संक्रमण काल के बाद स्थगित भत्ते पुनः प्रदान कर दिए जाएंगे। जिसे सरकार ने आज उनकी आशा को ही जड़ से समाप्त कर दिया। जबकि कर्मचारी अपनी जान पर खेलकर संक्रमण काल में लगातार जन सेवा में लगा हुआ है। जनता कर्मचारियों की तारीफ कर रही है। कर्मचारियों के प्रति जनता के दिलों में विश्वास कायम हुआ है। लेकिन ऐसे समय कर्मचारियों को पुरस्कृत करने के स्थान पर उन्हें दंडित करने जैसा कार्य समझ से परे है। कर्मचारी खुद ही इस मामले में आगे आकर प्रधानमंत्री केयर और मुख्यमंत्री आपदा कोष में लगातार सहयोग कर रहा है बहुत से सरकारी कर्मचारी अपने वेतन से अंशदान निकालकर गरीबों मजदूरों और जिन लोगों को खाना नहीं मिल पा रहा है उनके लिए खाने का प्रबंध कर रहे हैं।
जनता आज कर्मचारियों को अपना मसीहा मान रही है चाहे वह चिकित्सक हो नर्सेज, फार्मेसिस्ट, लैब टेक्नीशियन, प्रयोगशाला सहायक सहित सभी चिकित्सा कर्मियों को जनता दूसरे भगवान का दर्जा दे रहे हैं और वास्तव में सभी कर्मचारी देवदूत के रूप में जनता की इस दुख की घड़ी में अपने परिवार और अपनी जान की परवाह किए बगैर पूरे मनोयोग से लगे हुए हैं प्रदेश की पुलिस दिन-रात जनता की सेवा में है ऐसे समय में इन कर्मचारियों को कुछ ना कुछ पुरस्कार दिया जाना चाहिए था लेकिन सरकार द्वारा पुरस्कार तो छोड़िए उनको पूर्व से मिल रहे भत्ते समाप्त कर दिया जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि कर्मचारियों के लिए सरकार के पास कोई कल्याणकारी नीति नहीं है और ना ही कर्मचारियों को सरकार अपना अंग मानती है। इस मौके पर अरविंद कुमार सिंह, ओंकार नाथ पांडेय, राकेश पांडेय, श्रीकान्त राय, एसपी गिरी, विवेक सिंह शम्मी, अभय सिंह, योगेश जायसवाल, बृजेश, रामधनी, रमेश, रवि सिंह, राजेश, अनिल, जितेंद्र सिंह, अशोक, विनोद, दिनेश, संजीव कुमार आदि सहित मौजूद रहे।