गाजीपुर: बच्चों का गुल्लक तोड़ कर किया किराए का इंतजाम
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर, खानपुर कोरोना संक्रमण काल में गैर प्रांतीय कामगारों के लौटने का सिलसिला अभी भी कायम है। लूटे धन और टूटे मन से लौट रहे श्रमिक परिवारों की व्यथा किसी भी सभ्य समाज को झंकझोर देने के लिए काफी है। मुंबई से गाजीपुर के लिए निकले जियालाल चौहान ने बताया कि महाराष्ट्र पड़ोसियों ने कोरोना संकटकाल में सारे नाते तोड़कर हम लोगों को पलायन करने पर मजबूर कर दिया। जीवनभर मदद और उधार देने वालों ने मुंह मोड़ लिया और पैसे के अभाव में घरेलू सामान को गिरवी रखकर खाद्यान देने लगे। मुसीबत बढ़ता देख हम लोगों ने तीनों बच्चों के गुल्लक को तोड़कर पायल, बिछिया आदि को बेंचकर आठ हजार इकट्ठा कर किराए की गाड़ी से यात्रा पर निकल पड़े। पांच दिन की यात्रा में चार साधन बदलने और छह शिविरों में शरणार्थी बनने के बाद आज खानपुर थाने में बैठे हैं। पत्नी नीलम ने बताया कि बच्चों को भूखा प्यासा देखकर हम लोगों को भीख भी मांगनी पड़ी। बच्चों के उदास और बूझे चेहरों को देखकर हम लोगों की भूख प्यास मर जाती है।