जिंदा युवक को मृत बता दाह संस्कार के लिए भेज दी कोरोना पॉजिटिव की लाश
गाजीपुर न्यूज़ टीम, संतकबीरनगर। बस्ती के ओपेक अस्पताल कैली से लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। वहां भर्ती संतकबीरनगर के एक युवक को जीते जी मृत बताकर किसी अन्य के शव को दाह संस्कार के लिए भेज दिया गया। युवक के पिता ने शमशान घाट पर चेहरा देखा तो सन्न रह गए। शव उनके बेटे का नहीं था। बेटा कैली अस्पताल में जिंदा है। उसका इलाज चल रहा है।
बाद में पता चला कि जिस शव को उनके बेटे का बताकर कैली अस्पताल से भेज दिया गया वो धर्मसिंहवा इलाके के महादेवा नानकार के 47 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव का है। गलती से महुली थाना क्षेत्र में भेज दिया गया। कोरोना पॉजिटिव भी कैली अस्पताल में ही भर्ती था। इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि महुली थाना क्षेत्र के मथुरापुर गांव निवासी 25 वर्षीय युवक बस्ती कैली में कमरा नंबर 229 में बेड नंबर 5 पर भर्ती है और जीवित है।
जबकि धर्मसिंहवा के महादेवा नानकार के रहने वाले पाजिटिव 47 वर्षीय शख्स की मौत कैली में हुई थी। फोन से गलत सूचना दिए जाने से गलतफहमी हुई। उन्होंने बताया कि धर्मसिंहवा थाना क्षेत्र के महादेवा नानकार निवासी एक व्यक्ति की मौत हो गई। वह मुम्बई से आया था। गलती से उसे महुली थाना क्षेत्र के ग्राम मथुरापुर का बताकर शव एम्बुलेंस से भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार के लिए एसआई राम अछैबर व पारसनाथ सिंह की निगरानी में शव बिड़हरघाट भेज दिया गया। जब उसके पिता ने अंतिम दर्शन के लिए चेन खोला गया तो शव बुजुर्ग का दिखा। बाद में शव को वापस भेजा गया।
पिता समेत तीन भाइयों को किया गया क्वारन्टीन
महुली थाना क्षेत्र के ग्राम मथुरापुर निवासी जिस युवक की मौत की सूचना दी गई थी वह जीवित निकला। फिर भी एहतियात के तौर पर पिता नकछेद व भाई शिव शंकर तथा सोनू को 21 दिन के लिए क्वारन्टीन कर दिया गया है।