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गाजीपुर: शहीद अश्वनी यादव की पत्नी की गुहार, मेरे बच्चों का भविष्य सुरक्षित करे सरकार, बेटी को डाक्टर बनाना चाहते थे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर कश्मीर के कुपवाड़ा में देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए गाजीपुर के अश्वनी कुमार यादव के घर सोमवार की रात से ही जमावड़ा लगा हुआ है। रात भर पूरा गांव जागता रहा। मां और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। पति के शहीद होने के बाद पत्नी को अब बच्चों की चिंता खाये जा रही है। रो-रोकर अपने बच्चों के भविष्य को लेकर लोगों से गुहार लगा रही है। पति की बातें याद कर रोते-रोते ही कह रही हैं कि बच्चों को डाक्टर बनाना चाहते थे। सरकार मेरे बच्चों का भविष्य सुरक्षति करे।

सोमवार की सुबह कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों के हमले में तीन जवानों के साथ सीआरपीएफ के अश्वनी भी शहीद हो गए थे। गाजीपुर के नोनहरा थाना क्षेत्र के चकदाउद गांव निवासी राम सिंह के बेटे अश्वनी कुमार यादव के घर उनके शहीद होने की सूचना सीआरपीएफ ने सोमवार की रात आठ बजे दी। मनहूस  खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया। रोने-बिलखने की आवाजें बाहर पहुंचीं तो आसपास के लोग पहुंच गए। जैसे जैसे अश्वनी के शहीद होने की खबर फैलती गई गांवों का जमावड़ा उनके घर लगता गया।

बार-बार रोते-रोते बेहोश हो जा रही मां लालमनी और पत्नी अंशु को किसी तरह आसपास की महिलाएं संभालती रहीं। रात भर पत्नी की चित्कार गांव के सन्नाटे को चीरती रही। मां को इस तरह रोते देख बेटी आयशा और बेटा आदित्य भी बार बार बिलख पड़ते। एक किनारे बिलखते अश्वनी के छोटे भाइयों अंजनी और मुलायम को उनके दोस्त किसी तरह सांत्वना देने और चुप कराने में लगे रहे।

अश्वनी के पिता का बीमारी के कारण पहले ही निधन हो चुका है। घर की जिम्मेदारी अकेले अश्वनी ही संभाल रहे थे। अब पूरे गांव को अपने लाल को एक नजर देखने का इंतजार है। अधिकारियों ने शाम चार बजे तक वायुसेना के विशेष विमान से पार्थिव शरीर पहले बाबतपुर एयरपोर्ट फिर वहां से अपने पैतृक आवास लाये जाने की सूचना मिली है। 

गांव के वीर योद्धा के इस तरह शहीद होने से युवाओं में पाकिस्तान को लेकर आक्रोश है। लोगों ने सरकार पर सख्त रुख अपनाने का दबाव बनाते हुए पाकिस्तान से बदला लेने की मांग की। अश्वनी के दोस्तों के अनुसार उनके साथ कई लोग भर्ती होने गए थे लेकिन अकेले उनका चयन हुआ था। अश्वनी गांव आते तो युवाओं को सेना में भर्ती के लिए प्रेरित करते थे। जिन युवाओं के पास पैसे की कमी होती थी उन्हें अपने पास से पैसा देकर देकर भर्ती फॉर्म भरवाते थे। जिला पंचायत सदस्य कमलेश यादव ने बताया कि अश्वनी के शहीद होने से हमारे क्षेत्र को बहुत ही नुकसान हुआ है। 

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