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DRM की अपील: रेलवे स्टेशनों पर न आएं, फंसे लोग नोडल अफसर से करें संपर्क

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे श्रमिकों, छात्रों और सैलानियों की सुविधा के लिए केंद्र सरकार की ओर से स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। वाराणसी से फिलहाल कोई ट्रेन नहीं है। अगर कोई ट्रेन यहां से गुजरती भी है तो उसमें बीच के स्टेशनों पर किसी को चढ़ाने या उतारने की सुविधा फिलहाल नहीं है। पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के डीआरएम वीके पंजियार ने अपील की है कि जिस किसी को अपने प्रदेश जाना है, वे राज्य सरकार की ओर से अधिकृत नोडल अधिकारी या स्थानीय प्रशासन से ही संपर्क करे।

महाराष्ट्र में बीते दिनों गलत सूचना पर लाखों की तादाद में मजदूर व अन्य लोग स्टेशन के पास इकट्ठा हो गये थे। इससे वहां स्थितियां बेकाबू हो गई थी। ऐसे में अब ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ है तो अफवाह के बीच अन्य जगहों पर भी हालात न बिगड़े, इसके लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं। 

इस क्रम में डीआरएम ने बताया कि 17 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। तीसरे लॉकडाउन में भी यात्री ट्रेनों का परिचालन पूर्ण रूप से बंद रहेगा। केंद्र सरकार के निर्देशानुसार इस दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे श्रमिकों, छात्रों एवं सैलानियों की सुविधा के लिए विशेष ट्रेन चलाने की योजना है। ये विशेष ट्रेनें राज्य सरकारों के अनुरोध पर पूरी सावधानी के साथ चलाई जाएंगी। 

वहीं, एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि जिले में फंसे दूसरे प्रदेशों के लोगों, मजदूरों व अन्य का सर्वे कराया जा रहा है। इन्हें कहीं भी जाने की अनुमति नहीं है। शासन स्तर से नामित नोडल अधिकारी के अनुसार इनको भेजने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए खुद ही प्रशासन इनसे संपर्क करेगा। लोग इस बारे में जानकारी कोविड-19 वार रूम के फोन नंबर 1077 पर ले सकते हैं। 

वहीं, जिलाधिकारी ने आदेश दिया है कि जिले में फंसे दूसरे प्रांतों के छात्र यदि घर लौटना चाहते हैं तो अपने खर्चे पर बड़े वाहन का इंतजाम कर लें। इसकी अनुमति दी जा सकती है। हालांकि इसके पहले उन्हें अपना पूरा ब्योरा उपलब्ध कराना होगा। ताकि उनके राज्यों से बातचीत कर पास जारी किया जा सके।
बताया कि अगले दो से तीन दिन के अंदर बसों का इंतजाम करने के बाद जाने वालों का पूरा विवरण एडीएम सिटी के व्हाट्सअप नंबर 9454417030 पर भेज दें।

सूची के साथ ही उन्हें बस का नंबर, ड्राइवर का नाम, मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराना होगा। शर्त यह होगी कि 20 या उससे ज्यादा अधिक क्षमता की बसों का ही इंतजाम करना आवश्यक होगा। केवल व्हाट्सएप का ही प्रयोग करें ज्यादा फ़ोन न करें। सोशल डिस्टेंसिंग के नियम के मुताबिक बस की जितनी क्षमता होगी। उससे आधे ही लोग उसमे अनुमन्य किये जायेंगे। एक बस में केवल एक प्रदेश के लोग ही होने चाहिए। साथ ही अपने ही प्रदेश में दूसरे जिलों के छात्र घर वापस जाना चाहते हैं तो वे भी जनपद वार सूची उसी प्रारूप में बनाकर  मैसेज कर दें। धनराशि का वहन स्वयं यात्रियों को ही करना होगा।
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