इविवि नाम बदलने के खिलाफ ऑनलाइन याचिका, हजारों का समर्थन
गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज। इविवि का नाम बदलने के विरोध में अब प्रयागराज के संगठन भी शामिल हो गए हैं। इलाहाबाद हेरिटेज सोसाइटी की ओर से नाम बदलने के खिलाफ ऑनलाइन रिट याचिका तैयार की गई है। खास बात यह है कि इस याचिका को पांच हजार से अधिक लोगों का समर्थन प्राप्त हो चुका है।
समर्थन करने वालों में इविवि के सेवानिवृत और सेवारत शिक्षकों के साथ ही वर्तमान और पुरा छात्र, शोधार्थी और बड़ी संख्या में शहर के प्रबुद्ध लोग भी शामिल हैं। सभी ने एक स्वर से नाम बदलने का विरोध करते हुए कहा है कि वर्तमान नाम में इस इस संस्था को लेकर जो गौरव बोध होता है, वह किसी और नाम में नहीं होगा। इससे तमाम दुश्वारियां बढ़ेंगीं इसलिए नाम बदलना कतई उचित नहीं है। सोसाइटी के संस्थापक एवं इविवि में इतिहास के शोधार्थी अक्षत लाल ने बताया कि याचिका का समर्थन करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
कार्य परिषद सदस्यों का जताया आभार
फेसबुक के जरिए इस मुद्दे को जनमानस का मुद्दा बनाने वाले इविवि विज्ञान संकाय के डीन रहे प्रो. एके श्रीवास्तव, कार्य परिषद के सदस्य रहे प्रो. आरसी त्रिपाठी, इविवि के शिक्षक प्रो. विनय चंद पांडेय, प्रो. रंजना कक्कड़, प्रो. महेश चंद चट्टोपाध्याय, इविवि छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे प्रो. श्याम कृष्ण पांडेय, विनोद चंद दुबे, सतीश अग्रवाल, ऋचा सिंह, अवनीश यादव, एमएलसी वासुदेव यादव ने कार्य परिषद के सदस्यों के प्रति आभार जताते हुए मांग की है कि नाम यथावत रहने दिया जाए।
नाम बदलने की बजाय गुणवत्ता में करें सुधार
एनएसयूआई ने इविवि का नाम बदलने का विरोध किया है। संगठन की मांग है कि सरकार नाम बदलने की बजाय इविवि की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के प्रयास करे, जिसका छात्रों, शोधार्थियों और समाज को फायदा होगा। एनएसयूआई के नेता एवं छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि नाम बदलने से किसी को कोई लाभ नहीं होगा। समाजवादी छात्रसभा ने भी नाम बदलने का विरोध किया है। जिलाध्यक्ष अखिलेश यादव, पूर्व अध्यक्ष अवनीश यादव, राघवेंद्र यादव, शोध छात्रा नेहा यादव, अविनाश विद्यार्थी, पंकज, आयुष प्रियदर्शी, अनीश कुमार ने भी नाम बदलने के विरोध में राष्ट्रपति को रक्त पत्र लिखा है।