मोबाइल से कोरोना संक्रमण फैलता है तो पूरे देश में कर दिया जाए बैन - अखिलेश यादव
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में कोविड-19 अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों के लिए मोबाइल फोन रखने पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि यदि मोबाइल से संक्रमण फैलता है तो आइसोलेशन वार्ड के साथ पूरे देश में इसे बैन कर देना चाहिए। सच्चाई यह है कि प्रदेश के अस्पतालों की दुर्दशा सार्वजनिक न हो जाए इसलिए यह पाबंदी लगाई गई है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि 'अगर मोबाइल से संक्रमण फैलता है तो आइसोलेशन वार्ड के साथ पूरे देश में इसे बैन कर देना चाहिए। यही तो अकेले में मानसिक सहारा बनता है। वस्तुतः अस्पतालों की दुर्व्यवस्था व दुर्दशा का सच जनता तक न पहुंचे, इसीलिए ये पाबंदी है। जरूरत मोबाइल की पाबंदी की नहीं बल्कि सैनेटाइज करने की है।
अगर मोबाइल से संक्रमण फैलता है तो आइसोलेशन वार्ड के साथ पूरे देश में इसे बैन कर देना चाहिए. यही तो अकेले में मानसिक सहारा बनता है. वस्तुतः अस्पतालों की दुर्व्यवस्था व दुर्दशा का सच जनता तक न पहुँचे, इसीलिए ये पाबंदी है. ज़रूरत मोबाइल की पाबंदी की नहीं बल्कि सैनेटाइज़ करने की है.— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 24, 2020
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि 'कोरोनाकाल में सरकारी बदइंतजामी की वजह से बात हवाई चप्पल पहनने वालों से भी आगे जाकर ‘नंगे पांव’ सड़कों पर चलने पर मजबूर लोगों तक पहुंच गई है। जिनसे जनता को हमदर्दी की उम्मीद थी, वही दर्द का सबब बन रहे हैं। सरकार सबके लिए है, ये थोथा नारा नहीं बल्कि संकल्प होना चाहिए।
कोरोनाकाल में सरकारी बद-इंतज़ामी की वजह से बात हवाई चप्पल पहननेवालों से भी आगे जाकर ‘नंगे पाँव’ सड़कों पर चलने पर मजबूर लोगों तक पहुँच गयी है. जिनसे जनता को हमदर्दी की उम्मीद थी वही दर्द का सबब बन रहे हैं.— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 24, 2020
सरकार सबके लिए है, ये थोथा नारा नहीं बल्कि संकल्प होना चाहिए. #UnfitBJP pic.twitter.com/TSWnHaFjjl
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि देश के सीमांत क्षेत्रों से चीन के सैन्य घुसपैठ की खबरों की सत्यता व वस्तुस्थिति से सरकार पूरे देश को अवगत कराए और अपना पक्ष व स्थिति जनता के सामने रखे। सरकार सुनिश्चित करे कि कोरोना के संकटकाल में प्रतिरक्षा व विदेश नीति जैसे संवेदनशील विषयों पर कोई देश अवांछनीय लाभ न उठा सके।