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गाजीपुर: उरई से दो बसों में सवार करीब 52 मजदूर पहुंचे गाजीपुर, थर्मल स्क्रीनिंग के बाद किया होम क्वरंटीन

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर प्रदेश सरकार की पहल पर गैर प्रांतों में फंसे छात्र-छात्राओं और मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में शुक्रवार की देर रात उरई से दो बसों में सवार करीब 52 मजदूर जनपद में पहुंचे। इन सभी को रात में ही जिला अस्पताल परिसर में रोका गया। बारी-बारी से सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। उधर पैदल चल कर भी युवकों, महिलाओं, बच्चों आदि के आने का क्रम बना हुआ है। बाद में इनके रहन-सहन से संबंधित आवश्यक निर्देश देकर घर भेज दिया गया। पिछले चार दिनों से बाहरी राज्यों से करीब 1450 लोग जिले में आ चुके हैं। सभी को घर पर ही होम क्वारंटीन किया गया है। शहर में बसों के आने के बाद सभी मजदूरों को पहले जिला अस्पताल इमरजेंसी में ले जाया गया। सभी स्वस्थ पाए गए। इसके बाद उन्हें कोरोना रोग के लक्षण तथा बचाव की जानकारी दी गई। बताया गया कि 14 दिनों तक इस रोग के लक्षण आ सकते हैं। इसलिए घरों में भी जा कर सभी को अकेले ही रहना है। यह पूरी तरह से संक्रमण का रोग है। अगर एक व्यक्ति जरा भी लापरवाही करता है तो इसका खामियाजा पूरे परिवार, मुहल्ला और गांव को भी भुगतना पड़ सकता है। जानकारी देने के बाद सभी को घर भेजा गया। इस दौरान सभी ने सोशल डिस्टेसिंग का पालन किया गया।


जिले में आए साढ़े 14 सौ छात्र, मजदूर
गाजीपुर। पिछले चार दिनों में दूसरे प्रदेशों और महानगरों से आने वालों की संख्या में लगातार तेजी आ रही है। करीब 50 बसों से 1450 मजदूरों, छात्रों, परिवारों का जिले में आगमन हुआ है। सबसे पहले कोटा और प्रयाग राज से करीब एक हजार छात्र छात्राओं को यहां लाया गया। सभी इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी कर रहे हैं। इनमें से अधिकतर की दशा दयनीय हो गई थी। अलवर, प्रयागराज, गाजियाबाद, तेलंगाना आदि से आए लोगों ने गांव घर आ कर सरकार को धन्यवाद दिया है। उनका कहना है कि वह अभी होम क्वारंटीन में है। हर स्तर पर कोरोना से रोकथाम का प्रयास करेंगे। 

पैदल भी आ रहे मजदूर
खानपुर। गाजीपुर-वाराणसी राजमार्ग पर दूरदराज से पैदल ही आ रहे मजदूरों, परिवारों का सिलसिला बना हुआ है। उनकी दशा देखकर मन पसीज जा रहा है। शनिवार को हरियाणा के फरीदाबाद से पांच मजदूर जिले के माहपुर जाते समय यहां के बार्डर पर मिले। यह मजदूर सक्षम अधिकारी से पास ले कर रिजर्व वाहन से यहां आए। बताया कि वह गांव पहुंचते ही पहले ग्राम प्रधान से मिलेंगे तथा स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर अपनी स्क्रीनिंग कराएंगे। वह खुद होम क्वारंटीन रहेंगे।

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