गाजीपुर: बहादुरगंज पावर लूम बंद होने से बुनकर भुखमरी के कगार पर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर जिले का सबसे प्राचीन नगरी बहादुरगंज में 60 प्रतिशत बुनकरों की आबादी वाला कस्बा में आज खटर पटर की मधुर आवाजें सुनाई नहीं दे रही हैं। पावर लूम बंद हो जाने से साड़ी का कारोबार पूरी तरह ठप है। नगर में 60 प्रतिशत बुनकरों की आबादी है, जो पावर लूम से अपना कारोबार साड़ी की बुनाई करके करते हैं। निकट के जनपद मऊ से ताना-बाना लाकर वे अपने पावर लूम से साड़ियों को बुनकर मऊ जनपद में ले जाकर देते हैं और मजदूरी लेते हैं, लेकिन कोरोना वायरस व लाक डाउन होने के कारण मऊ जनपद का बॉर्डर सील हो गया है। इससे बुनकरों के सामने बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो गया है। बुनकर साड़ियों को बुनाई करके अपने घरों में एकत्रित करके रखे हैं कि लॉक डाउन खुले तो साड़ियों को ले जाकर मऊ में देकर अपना मजदूरी को ले लेकिन लॉक डाउन होने के कारण वे मऊ जनपद में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं। उनका एक आस भी लगा है कि सरकार कोई बुनकरों के लिए पैकेज देगी, लेकिन ऐसा दिखाई नहीं दे रहा। सरकार भी बुनकरों के बारे में ध्यान नहीं दे रही है। ऐसा लग रहा है कि नगर के बुनकरों के सामने काफी संकट दिखाई दे रहा है। बुनकरों की समस्याएं दूर नहीं हुआ, तो इनके अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।