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यूपी : क्वारंटाइन लोगों का दलित प्रधान के हाथ का खाना खाने से इनकार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कुशीनगर. उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में एक क्वारंटीन सेंटर में रह रहे पांच में से दो लोग दलित महिला प्रधान के हाथ से बना भोजन नहीं खा रहे हैं। ये दोनों भोजन के लिए घर चले जाते हैं। शिकायत मिलने पर एसडीएम ने इसकी जांच शुरू करा दी है।

खड्डा क्षेत्र के भुजौली खुर्द के क्वारंटीन सेंटर पर कुल पांच लोग रखे गए हैं। कोरोना के भय से यहां कोई भोजन बनाने के लिए तैयार नहीं हुआ तो मानवता दिखाते हुए ग्राम प्रधान लीलावती देवी ने खुद सेंटर पर भोजन बनाने का निर्णय लिया। पांच दिन पहले उन्होंने अपने हाथ से क्वारंटीन सेंटर जाकर वहां मौजूद लोगों के लिए भोजन बनाया। जब भोजन करने के लिए क्वारंटाइन किए गए लोगों से कहा गया तो उनमें से दो लोगों ने यह कहकर खाने से मना कर दिया कि वे दलित महिला के हाथों तैयार भोजन नहीं खाएंगे।

महिला प्रधान के पति सुभाष गौतम ने इसकी जानकारी फोन से बीडीओ खड्डा रमाकान्त को तभी दे दी थी। बीडीओ ने फोन पर इन लोगों को समझाया भी मगर असर नहीं हुआ। चार दिन बाद शुक्रवार को बात गांव से बाहर आई तब एसडीएम को इसकी जानकारी हुई।

महिलाओं ने घर-घर मांगा मुट्ठीभर अनाज, डीएम को सौंपा 22 कुंतल
कोरोना से जंग में महिला स्वयं सहायता समूहों ने भी मदद के हाथ बढ़ाए हैं। समूह की महिलाओं ने घर-घर जाकर एक-एक मुट्ठी अनाज मांगा। कुल मिलाकर 22 कुंतल खाद्यान्न जुटाया। शुक्रवार को कलक्ट्रेट में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने डीएम आशुतोष निरंजन व सीडीओ सरनीत कौर ब्रोका को सौंपा। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत जिले के चार ब्लॉक बनकटी, कुदरहा, सांऊघाट तथा दुबौलिया के महिला स्वयं सहायता समूहों ने ग्रामीण क्षेत्र में अभियान चलाया। घर-घर जाकर आटा, चावल, नमक, आलू, हल्दी एवं अन्य खाद्य सामग्री मांगी। कुल सामग्री 22 कुंतल हुई, जिसे जिला प्रशासन को सौंप दिया गया। इसका वितरण लॉकडाउन के दौरान गांव में गरीब परिवारों के बीच होगा। डीएम व सीडीओ ने महिलाओं के इस अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा कि जिले में लगभग सात हजार समूह गठित हैं, जिनमें से पांच हजार को रिवॉल्विंग फंड भी प्राप्त हुआ है।

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