कानपुर में टेक्सटाइल व होजरी उद्योग का दौड़ेगा पहिया, 50 हजार को मिलेगा रोजगार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर, लंबे समय बाद शहर में टेक्सटाइल व होजरी उद्योग के दिन फिर से बहुरेंगे। इन उद्योगों की रेंगने वाली गाड़ी का पहिया अब तेजी से दौड़ेगा। एक जिला एक उत्पाद में इन उद्योगों को शामिल करने से शहर में सिलाई क्लस्टर बनने की राह आसान हो गई है। इसके विकसित होने के बाद 50 हजार से अधिक कारीगरों व श्रमिकों को स्थायी रोजगार मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। इसके साथ ही कानपुर के माल की धमक अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी व फ्रांस समेत अन्य देशों तक होगी।
होजरी उद्योग का कानपुर तीसरा सबसे बड़ा शहर
एक जिला एक उत्पाद में होजरी उद्योग को शामिल करने से उद्योग को संजीवनी मिल गई है। संसाधन व हाईटेक मशीनरी के अभाव में यह उद्योग बड़ी मुश्किल से चल पा रहा था। होजरी उद्यमी खुश हैं कि उनकी आíथक दिक्कतें, आधुनिक मशीनरी की कमी व उत्पाद की गुणवत्ता की जांच के लिए प्रयोगशालाओं को तलाशने की दौड़ खत्म होगी। कोलकाता व त्रिपुर के बाद कानपुर होजरी उद्योग का तीसरा बड़ा शहर है, लेकिन इस उद्योग का उच्चीकरण न होने से यह आगे नहीं बढ़ पा रहा था।
उत्पादन बढ़ेगा और पलायन रुकेगा
होजरी उद्यमी बलराम नरूला ने बताया कि शहर में होजरी का अच्छा माहौल है। एक जिला एक उत्पाद में शामिल होने से इसका उत्पादन बढ़ेगा। कारीगरों को बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। शहर में इतना काम होगा कि वह आसानी से जीविका चला सकेंगे। सिलाई क्लस्टर इसमें सबसे बड़ी भूमिका निभाएगा। अभी टुकड़ों में काम होता है।
होजरी उद्योग की खास बातें
- निटिंग, प्रोसेसिंग, कटिंग, स्टिचिंग एवं पैकिंग इन चार चरणों पर चलता है होजरी उद्योग।
- निटिंग व प्रोसेसिंग की 70 व कटिंग की 1100 जॉब वर्क्स यूनिट हैं।
- अपना ब्रांड बनाकर बाजार में उतारने वाले स्टिचिंग व पैकिंग के 400 कारखाने हैं।
- होजरी कपड़ों का एक हजार करोड़ सालाना का कारोबार है।
- अस्सी फीसद शहर का उत्पाद उत्तर प्रदेश में निर्यात होता है।
विदेश में लगेंगे उत्पाद के स्टाल
होजरी उद्यमी मनोज बंका का कहना है कि विदेश में स्टाल लगाने में छूट मिलेगी, जिससे वहां तक अपने उत्पादों का निर्यात किया जा सकेगा। उद्यमियों को ऋण में भी छूट मिलेगी। शहर के टेक्सटाइल मैनचेस्टर के रूप में स्थापित होने की राह सुलभ होगी। यह उन कारीगरों व श्रमिकों के लिए भी है जो लॉकडाउन के कारण अपने घर आ गए हैं।
जांच व श्रमिकों का प्रशिक्षण हो सकेगा
होजरी उद्यमी प्रमोद सुराना ने बताया कि होजरी उद्योग में सबसे बड़ी समस्या गुणवत्ता जांचने की आती है। इसके लिए प्रयोगशाला तलाशना बहुत मुश्किल होता है। अब शहर में इसके लिए उच्चस्तरीय प्रयोगशाला बनेंगी। बदलती तकनीक के साथ उद्यमियों का प्रशिक्षण भी यहीं होगा। प्रशिक्षण केंद्र बनने की संभावना भी बढ़ गई है।
डाइंग केमिकल की आमद का रास्ता सुलभ हो
होजरी प्रोसेसिंग से जुड़े उद्यमी जय प्रकाश कुशवाहा ने बताया डाइंग केमिकल इसमें सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसमें सोडियम हाइपोक्लोराइड का सर्वाधिक इस्तेमाल किया जाता है। यह चीन से आता है। एक जिला एक उत्पाद का पूरा लाभ तभी मिलेगा जब इसके अलावा प्रोसेसिंग में इस्तेमाल होने वाले केमिकल की आमद का रास्ता सुलभ हो।