लॉकडाउन : फुटपाथ व फेरी पर काम करने वालों को रोजगार दे रही योगी सरकार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार लॉकडाउन में हर वर्ग की जरूरतों का पूरा ध्यान रख रही है। शहरों में फुटपाथ व फेरी पर काम करने वालों को सरकारी सहायता देने के साथ ही रोजगार से भी जोड़ने का काम शुरू हो गया है। लॉकडाउन में इन्हें आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की अनुमति देकर इनके जीवन को सरल बनाने का काम किया जा रहा है। नगर विकास विभाग ने यूपी में 60,074 से अधिक वेंडरों को अब तक इससे जोड़ा है और इसे एक लाख से अधिक करने की तैयारी है।
लॉकडाउन में काम छिनने के बाद खाली हाथ बैठे वेंडरों को रोजगार से जोड़ने का काम सबसे पहले बड़े शहरों यानी नगर निगमों में हुआ। इन्हें साइकिल, ठेला रिक्शा और हत्थू ठेले पर फल के साथ सब्जी व अन्य जरूरी सामानों को बेचने की अनुमति दी गई। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए इन्हें स्वयं मंडियों से सामान लाकर कालोनियों में बेचने की अनुमति दी गई है।
शासन से स्पष्ट आदेश दिया गया कि शहरों में इन्हें रोक नहीं जाएगा और इन्हें सामान बेचने की सुविधा दी जाएगी।लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराते हुए इन्हें केवल कालोनियों और सोसयटियों में ही सामान बेचने की अनुमति दी गई है। मुख्य मार्गों पर इन्हें रुकने की इजाजत नहीं होगी।
हॉटस्पाट क्षेत्रों में अनुमति नहीं
हॉटस्पाट वाले क्षेत्रों में इन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं है। मगर वह इसके बाहर किसी गली में रुककर सामान बेच सकते हैं। इसमें स्थानीय पार्षद उनकी मदद करेंगे।
प्रमुख शहरों में कितनों को रोजगार
लखनऊ 4200, आगरा 732, अलीगढ़ 705, अयोध्या 420, बरेली 248, फिरोजाबाद 700, गाजियाबाद 270, गोरखपुर 250, झांसी 438, कानपुर नगर 1648, मथुरा-वृंदावन 256, मेरठ 250, मुरादाबाद 60, प्रयागराज 600, सहारनपुर 715, शाहजहांपुर 106 और वाराणसी 2550 फुटपाथ वालों को जोड़ा गया है। इसके साथ ही प्रदेशभर के 652 नगर निकायों में 60074 वेंडर रेहड़े, ठेले व खुम्चे वालों को रोजगार से जोड़ा गया है। यह जरूरत के आधार पर नारगिकों को आवश्यक सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं।
वेंडरों को आवश्यक वस्तुओं को बेचने की अनुमति दी गई है। यूपी में 60 हजार से अधिक को इस रोजगार से जोड़ा जा चुका है। अभी जरूरत के आधार पर औरों को जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है। -दीपक कुमार, प्रमुख सचिव नगर विकास