CM योगी आदित्यनाथ का ऐलान-दूसरे राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के मजदूरों को शीघ्र लाएंगे
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ, कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के मजदूरों के साथ अन्य लोगों को भी प्रदेश सरकार वापस लाएगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर कोर टीम (टीम-11) के साथ बैठक में इनको लाने की योजना को अंतिम रूप दिया।
कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान लंबे लॉकडाउन में प्रदेश की हर स्तर की व्यवस्थाओं में जुटे सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी टीम को निर्देश दिया कि देश के हर राज्य में फंसे उत्तर प्रदेश के लोगों को शीघ्र वापस लाने का इंतजाम करें। दूसरे राज्यों से मजदूरों के साथ ही फंसे अन्य सभी लोगों को वापस लाएं। वहां पर 14 दिन क्वारेंटाइन करने वाले सभी लोगों के साथ ही मजदूरों को वापस अपने राज्य में लाया जाएगा। इन सभी को प्रदेश में लाने के बाद यूपी सेल्टर होम में रखा जाएगा। इसके साथ ही इन सभी को आर्थिक मदद भी दी जाएगी। इनको प्रदेश सरकार राशन किट और एक-एक हजार रुपया देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के ऐसे श्रमिक, कामगार तथा मजदूर बहन-भाई, जो अन्य राज्यों में निवासरत हैं और 14 दिन की क्वारंटीन अवधि पूरी कर चुके हैं, हम उन्हें वापस उनके घर पहुंचाएंगे। ऐसे लोगों की राज्यवार सूची तैयार करने सहित चरणबद्ध कार्ययोजना तैयार करने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश में वापस लाए जाने से पूर्व इन श्रमिकों, कामगारों की स्क्रीनिंग व टेस्टिंग कराई जाएगी। तत्पश्चात, बस से सभी को इनके जनपदों में भेजा जाएगा। हमारे श्रमिक और कामगार बंधु जिस जनपद में जाएंगे, वहां भी 14 दिन क्वारंटीन का समय पूरा करेंगे।
अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि शेल्टर होम/आश्रय स्थल को सैनिटाइज कर सभी के लिए ताजे व भरपेट भोजन की व्यवस्था की जाए। 14 दिन की संस्थागत क्वारंटीन पूरा करने के उपरांत सबको राशन किट व ₹1000 के भरण-पोषण भत्ते के साथ होम क्वारंटीन के लिए घर भेजने की व्यवस्था की जाएगी।
छह माह में पंद्रह लाख लोगों को देंगे रोजगार
योगी आदित्यनाथ सरकार ने देश में लॉकडाउन के समाप्त होने के बाद संभावित रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन से छह माह में पंद्रह लाख रोजगार सृजित करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए विभिन्न विभागों से ठोस कार्ययोजना एक सप्ताह में मांगी है।
मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर प्रदेश में रोजगार सृजन संबंधी प्रस्तुतिकरण देखा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मुख्यमंत्री शिक्षुता (अप्रेंटिसशिप) प्रोत्साहन योजना का लाभ एक वर्ष में एक लाख युवाओं दिलाना है। इस योजना के तहत दो लाख युवाओं को जोडऩे की कार्ययोजना बनाएं। आर्थिक स्वावलंबन के लिए युवाओं को युवा हब के माध्यम से भी रोजगार दिलाने के निर्देश दिए। एमएसएमई और एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के तहत रोजगार सृजन की व्यापक संभावनाएं हैं। इनके माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के लिए स्कूल यूनिफार्म और स्वेटर बनाने का प्रशिक्षण देकर सिलाई और स्वेटर मशीनें महिला स्वयंसेवी समूहों उपलब्ध कराकर रोजगार दिया जाए। इसी प्रकार खाद्य और फल प्रसंस्करण भी माध्यम हो सकता है। व्यापक स्तर पर मास्क बनाने का काम शुरू कर सकते हैं। योगी ने कहा कि खादी के क्षेत्र में सोलर चरखों और सोलर लूम स्थापित कर प्रशिक्षण दिया जाए। उत्कृष्ट कंबलों के निर्माण और नए स्वरोजगार को प्राथमिकता दें।
मुख्यमंत्री ने ग्राम स्तर पर कॉमन सर्विस सेंटर को मजबूत बनाते हुए इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कहा। व्यापक पैमाने पर दुग्ध समितियों का गठन कर डेरी उद्योग को मजबूत कर सकते हैं। इसके अलावा भी योगी ने कई सुझाव और निर्देश दिए। बैठक में ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह (मोती सिंह), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह भी उपस्थित थे।