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UP Board Result 2020 : कोरोना लॉकडाउन से गड़बड़ हो गया यूपी बोर्ड का शेड्यूल, जून में आ सकता है हाईस्कूल और इंटर 2020 का रिजल्ट

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कोरोना के कारण हुई लॉकडाउन से यूपी बोर्ड का पूरा टाइम टेबल बिगड़ गया है। नियमावली के अनुसार बोर्ड के 27 हजार से अधिक स्कूलों में एक अप्रैल से पढ़ाई शुरू हो जानी चाहिए थी लेकिन फिलहाल अप्रैल में स्कूल खुलने के आसार नहीं दिख रहे। नये सत्र 2020-21 के लिए एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम पर आधारित किताबों का प्रकाशन 21 मार्च तक होना था। 

इसके लिए टेंडर भी हो गया था लेकिन अब तक छप नहीं सकी हैं। सबसे अधिक बोर्ड परीक्षा का परिणाम प्रभावित हुआ है। 16 मार्च से मूल्यांकन शुरू होकर 25 मार्च तक पूरा होना था लेकिन 18 मार्च से मूल्यांकन रोक दिया गया। समय से काम होने पर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के 56 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं के परिणाम 24 अप्रैल तक घोषित होना था। लेकिन वर्तमान में जून से पहले रिजल्ट घोषित होने के आसार नहीं दिख रहे। रिजल्ट से ही स्क्रूटनी और इम्प्रूवमेंट/कम्पार्टमेंट की परीक्षा भी जुड़ी है। इम्प्रूवमेंट/कम्पार्टमेंट की परीक्षा जुलाई में कराकर 10 अगस्त तक परिणाम जारी हो जाता था। परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों को आवेदन के लिए तकरीबन एक महीने का समय देते थे। लेकिन यह भी पिछड़ना तय है। इस बार बोर्ड ने इंटर में पहली बार कम्पार्टमेंट की सुविधा देने जा रहा है।

लॉकडाउन के कारण ही कक्षा 9 व 11 का अग्रिम पंजीकरण और 10वीं-12वीं का परीक्षा फार्म भरवाने का काम भी पिछड़ेगा। ये काम पिछले साल सितंबर में पूरा हो गया था लेकिन इस साल जिस तरह से पढ़ाई और प्रवेश का काम प्रभावित हुआ है, पंजीकरण एवं परीक्षा के आवेदन पत्र की तिथि भी बढ़ना तय है। ऐसे में हाईस्कूल और इंटर की बोर्ड परीक्षा पर भी असर पड़ना तय है। इस साल बोर्ड ने 18 फरवरी से परीक्षाएं शुरू कर दी थी। लेकिन अगले साल फरवरी में परीक्षा करवाना मुश्किल होगा क्योंकि पाठ्यक्रम ही पूरा नहीं हो सकेगा।

767 नये स्कूलों की मान्यता भी फंसी
प्रयागराज। लॉकडाउन के कारण 2020-21 शैक्षिक सत्र से मान्यता के लिए आवेदन करने वाले 767 स्कूलों के प्रकरण भी अटक गए हैं। यूपी बोर्ड ने प्रयागराज, मेरठ, वाराणसी, बरेली और गोरखपुर क्षेत्रीय कार्यालयों का प्रस्ताव शासन को लॉकडाउन के बहुत पहले ही भेज दिया था। एक अप्रैल को सत्र शुरू होने से पहले इन स्कूलों का मान्यता आदेश ऑनलाइन माध्यम से जारी होने की उम्मीद थी। लेकिन बंदी के कारण मान्यता पत्र जारी नहीं हो सके। इन स्कूलों के छात्र-छात्राएं 2022 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होंगे।

एक जुलाई से शुरू हो सकता है नया सत्र
यूपी बोर्ड का 2020-21 शैक्षिक सत्र एक जुलाई से शुरू हो सकता है। सत्र एक अप्रैल से ही शुरू होना था लेकिन लॉकडाउन के कारण बेपटरी हो गया। ऐसे में शासन के पास सत्र एक जुलाई से शुरू करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता दिखाई नहीं दे रहा। पूर्व में भी एक जुलाई से सत्र शुरू होता था लेकिन सीबीएसई से बराबरी की होड़ में तीन साल पहले सत्र को एक अप्रैल से कर दिया गया था।

पूरी परीक्षा तक नहीं करा सके सीबीएसई-सीआईएससीई 
इस संकट के दौर में भी परीक्षा कराने के मामले में यूपी बोर्ड सीबीएसई और सीआईएससीई से आगे निकल गया। सीआईएससीई को 20 मार्च को अचानक अपनी परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी थी। जबकि 30 मार्च को पेपर खत्म होना था। सीबीएसई भी अपनी पूरी परीक्षाएं नहीं करा सका था।

इनका कहना है
निश्चित रूप से लॉकडाउन के कारण बोर्ड के कार्य प्रभावित हुए हैं। शासन से मार्गदर्शन सत्र नियमित करने की पूरी कोशिश करेंगे ताकि छात्रहित प्रभावित न हो।
नीना श्रीवास्तव, सचिव यूपी बोर्ड
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