तीन माह के मासूम ने दी कोरोना को मात
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर, बस्ती के तीन माह के मासूम को कोरोना संक्रमण से मुक्ति मिल गई। 14 दिन बाद हुई दो जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद कमिश्नर व डीएम की उपस्थिति में मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने उसे रविवार को डिस्चार्ज किया और एंबुलेंस से घर भेजा।
बस्ती के एक बच्चे की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद बस्ती जिला प्रशासन ने 13 अप्रैल को उसे बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज भेज दिया था। कॉलेज प्रशासन ने उसे कोरोना वार्ड में आइसोलेट किया। साथ ही पूरी सुरक्षा के साथ उसकी मां को भी उसी वार्ड में रहने की इजाजत दी। मां को पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट) किट पहन कर सावधानी पूर्वक दूध पिलाने की ट्रेनिंग दी गई। इसका असर यह रहा कि मां की तीन बार कोरोना संक्रमण की जांच कराई गई और सभी रिपोर्ट निगेटिव आई। ब'चे के कोरोना संक्रमण से मुक्त होने पर माता-पिता ने कमिश्नर जयंत नार्लिकर, जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार सहित पूरे स्टॉफ को धन्यवाद ज्ञापित किया। कमिश्नर ने कहा कि अभी लड़ाई लंबी लडऩी है, जो कमियां रह गई हैं, वे पूरी की जाएंगी।
कम दाम पर निजी लैब में कोरोना जांच धड़ाम
कोरोना जांच के लिए नमूनों को निजी लैब लेने से मना कर रहे हैं। तीन दिन से निजी लैब में जांच बंद है। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने पहले इस जांच के लिए 4500 रुपये तय किया था, बाद में शासन ने घटाकर शुल्क 2500 रुपये कर दिया। दिल्ली व गुरुग्राम की दो लैब डॉ.लाल पैथलैब व पैथकाइंड को जांच की अनुमति मिली है। उनके कलेक्शन सेंटर गोरखपुर में हैं। वे 2500 रुपये में नमूने लेने को तैयार नहीं हैं। निजी डॉक्टरों ने इसकी शिकायत कमिश्नर व सीएमओ से की है। लैब के कलेक्शन सेंटरों ने भी सीएमओ को पत्र भेजकर कहा है कि कंपनी ने 4500 रुपये दर तय किया है, हम 2500 रुपये में जांच कैसे कर सकते हैं। जब शुल्क 4500 रुपये था तो पैथकाइंड ने 21 नमूने लेकर जांच के लिए गुरुग्राम भेजा था, सभी की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी। शुक्रवार को शासन द्वारा 2500 रुपये शुल्क तय करने के बाद से सैंपल नहीं लिए गए। इसके बाद मामला कमिश्नर और सीएमओ की बैठक में पहुंचा। निजी डॉक्टरों ने लैब संचालकों की शिकायत की। सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि इसकी जानकारी शासन को दी गई है, जो भी दिशा निर्देश मिलेंगे उनका पालन किया जाएगा। पैथकाइंड के डॉ. संतोष चौरसिया ने बताया कि रेट को लेकर कंपनी ने सैंपल लेने से मना कर दिया है। यही वजह है कि तीन दिनों से सैंपल नहीं लिए जा रहे हैं। जानकारी सीएमओ को दी गई है।