गाजीपुर: कोरोना संक्रमित मरीज से जुड़े खास 19 संदिग्धों की रिपोर्ट पर टिकी नजर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर बुधवार को जिले भर में कुल 62 लोगों की सैंपलिंग की गई। इसमें 25 वह लोग भी हैं, जो मुहम्मदाबाद के कोरोना लेबिल वन अस्पताल के चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ हैं। यह शुरुआती दौर में कोरोना के पांच मरीज इसी अस्पताल में रखे गए थे, जहां इस स्टाफ ने ड्यूटी किया था। इधर दो दिन पहले मिले महिला मरीज से जुड़े 19 खास लोगों के सैंपल की रिपोर्ट पर भी नजर रखी गई है। अगर यह रिपोर्ट निगेटिव आई, तो यह सबसे बड़ी राहत वाली खबर होगी। जिले से अब तक कुल 393 लोगों की सैंपलिंग हो चुकी है। जिसमें से 89 लोगों की रिपोर्ट आना अभी बाकी रह गया है। गाजीपुर में पहले कोरोना वायरस से संक्रमित पांच मरीजों के मिलने के बाद पूरे जनपद में दहशत फैल गई थी।
स्वास्थ्य महकमे की ओर से मरीजों की हिस्ट्री पता की गई तथा उनसे जुड़े लोगों तथा परिजनों के कुल आठ सैंपल वाराणसी जांच के लिए भेजा गया था। इसकी रिपोर्ट को लेकर लोगों में भय था। लेकिन उस समय तक सबकुछ ठीक था। बाद में शहर की एक और महिला पाजिटिव मिल गई। वह जिलाधिकारी कार्यालय के बाबू की पत्नी है। इसके बाद स्वास्थ्य प्रशासन ने उससे जुड़े लोगों की सैंपलिंग तेज कर दी है। शहर के महुआबाग स्थित मस्जिद में मिले कुल 14 जमातियों की वजह से गाजीपुर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती गई है। पुलिस विभाग इनके जिले में आने के बाद की गतिविधियों का पता लगाने लगी। इसके बाद संदिग्ध लोगों की श्रृंखला बढ़ती गई। सभी की सैंपलिंग किया जाता रहा और धीरे-धीरे रिपोर्ट भी मिलती गई। बुधवार को 21 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। अगर आगे के रिपोर्ट भी निगेटिव आ गए तो जिले में संभावित खतरा कम हो जाने की उम्मींद जताई जा रही है।
गाजीपुर के चार हाट स्पाट सेंटरों के साथ ही दिलदारनगर में भी दो हाट स्पाट सेंटर बनाए गए हैं। इस प्रतिबंधित इलाके में संदिग्ध लोगों को चिन्हित कर उनका सैंपल लिया जा रहा है। इतना ही नहीं अब सीज किए गए इलाकों में किसी बाहरी के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बुधवार को शहर समेत ग्रामीण इलाके में काफी सख्ती देखने को मिली। जगह-जगह लोगों से पूछताछ की जा रही थी।