लॉकडाउन में बदल गई उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि, कोई बोला देवदूत तो किसी ने कहा मसीहा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, नोएडा. उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि हमेशा से ही नकारात्मक मानी जाती रही है, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन के बाद बदले हालात में उसके मानवीय कार्यों ने उसे देवदूत बना दिया है। दरअसल, पिछले 25 दिनों से चल रहे लॉकडाउन के दौरान यूपी पुलिस ने लोगों की हरसंभव मदद की है। ऐसे में मदद पाने वाले लोग यूपी पुलिस को मसीहा और देवदूत तक कहने से गुरेज नहीं कर रहे। ताजा मामला दिल्ली से सटे नोएडा का है। सेक्टर-24 स्थित ईएसआइ अस्पताल में भर्ती गर्भवती महिला को डिलिवरी के दौरान खून की आवश्यकता पड़ी तो नोएडा पुलिस के पुलिसकर्मियों ने पहल करते हुए खुद ब्लड डोनेट किया।
मिली जानकारी के मुताबिक, जब दो पुलिसकर्मियों अंजुल कुमार त्यागी और लाला राम को महिला को खून की जरूरत की सूचना मिली तो दोनों बिना देर किए ब्लड डोनेट करने का फैसला किया। उन्होंने अस्पताल में जाकर 2 यूनिट खून दिया, जिससे उस महिला की सफल डिलिवरी संभव हो पाई और उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। अब जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं और महिला ब्लड डोनेट करने वाले दोनों पुलिसकर्मियों अंजुल और लाल राम शुक्रिया अदा करने के साथ उनके सुनहरे भविष्य की दुआ भी कर रही है।
इस पूरे मामले पर एसीपी रजनीश वर्मा का कहना है कि सूचना मिलते ही महिला की मदद के लिए पीआरवी पहुंची व दोनों पुलिस कर्मियो ने एक-एक यूनिट खून देकर मदद की। पुलिस इस संकट की घड़ी में लोगों की हर तरह से मदद के लिए तत्पर है। जिस प्रकार की मदद की लोगों को जरूरत पड़ रही, पुलिस उस प्रकार की मदद कर रही है।
यह है पूरा मामला
कॉलर विजय कुमार के अनुसार, उसकी पत्नी की नॉर्मल डिलिवरी हुई है। उन्हें ईएसआई अस्पताल में भर्ती कराया था, वहां ब्लड की आवश्यकता पड़ी तो पहले लोगों से मदद मांगी। लॉकडाइन और कोरोना के फैलते संक्रमण के डर से कोई ब्लड डोनेट करने आगे नहीं आया तो हेल्पलाइन नंबर 112 पर फोन किया। इसके बाद पुलिसकर्मीअंजुल कुमार त्यागी और लाला राम सेक्टर-24 स्थित ईएसआइ अस्पताल पहुंचे और ब्लड डोनेट किया।
400 km दूर कैंस की दवा देने गई पुलिस
पिछले सप्ताह शुक्रवार को डायल-112 पर किसी ने ट्विटर के जरिये मदद मांगी। इसमें कहा गया था कि कन्नौज में कैंसर मरीज की दवाई समाप्त हो गई है। इसके बाद मदद के लिए आगे आकर यूपी पुलिस ने 400 किमी दूर लखनऊ से दवा मंगाकर कैंसर मरीज तक पहुंचा। हुआ यूं की कैंसर पीड़ित को कन्नौज में दवा नहीं मिल पाई। लॉकडाउन में दवा के लिए लखनऊ जैसे बड़े शहर आना संभव नहीं था। इस पर दवाई भेजने का जिम्मा पुलिस ने लिया और पीड़ित को दवाई घर तक पहुंचाई गई।