करोना के एनकाउंटर के लिए निहत्थे लड़ने वाली ‘खाकी वर्दी’ की कहानी और उसका दर्द
गाजीपुर न्यूज़ टीम, चाहे सांप्रदायिक दंगे हो या कोई प्राकृतिक आपदा। किसी की जान बचाना होना या कुख्यात अपराधियों से भिड़कर अपनी जान दाव पर लगाना हो। सबसे फ्रंट पर अगर कोई नजर आता है तो वह खाकी वर्दी ही है। हर मोर्चे पर पुलिस आम जनता के लिए सुरक्षा कवच बनकर सामने आई है।
कोरोना के कहर में भी अगर सबसे फ्रंट पर कोई लड़ रहा है तो वह पुलिस ही है। लेकिन बगैर किसी हथियार के। यानी निहत्थे ही कोरोना का एनकाउंटर करने के लिए पुलिस सबसे आगे खड़ी है।
दरअसल, हम सब अपने घरों में सुरक्षित बंद हैं। लेकिन इसके ठीक विपरीत पुलिस 24/7 हमारे लिए सड़क पर कोरोना से एनकाउंटर कर रही है। एक ऐसे दुश्मन से जो न तो नजर आता है और न ही सुनाई आता है।
चिलचिलाती धूप हो या आधी रात का अंधेरा। भूख लगी हो या प्यास। पुलिस वीरान और सुनसान पड़े शहरों की सड़कों पर बॉर्डर के किसी आर्मी जवान की तरह दिन रात मोर्चा ले रही है।
सबसे दुखद बात है कि कोरोना के खिलाफ इस ड्यूटी में वे कई लोगों के संपर्क में आते हैं। लेकिन इस संक्रमण से लड़ने के लिए उनके पास सिवाए एक मास्क के कुछ नहीं होता, एक तरफ इस सेंसेटिव वायरस से लड़ने के लिए डॉक्टर तमाम तरह की सावधानियां रखने की बात कह रहे हैं, उसे देखते हुए पुलिस तो इस लड़ाई में बिल्कुल निहत्थी ही नजर आ रही है।
इलाज के दौरान डॉक्टरों के पास मास्क, ग्ल्व्ज, पीपीई किट समेत कई तरह के साधन होते हैं, डॉक्टरों को पता भी होता है कि कब किस चीज को कैसे छुना है या नहीं छुना है। लेकिन पुलिसकर्मी इन सब बातों के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं, ऐसे में उनका फ्रंट पर रहना और ज्यादा खतरनाक हो चुका है। हालांकि कई डॉक्टर्स भी इलाज करते हुए संक्रमण का शिकार हो चुके हैं।
लेकिन जिस तरह से पुलिस इस पूरे मिशन में काम कर रही है, उसके बेहद दुखद नतीजे भी सामने आ रहे हैं।
हाल ही में इंदौर के जूनी इंदौर थाना के प्रभारी 41 साल के देवेंद्र चंद्रवंशी की कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से मौत हो गई, वे लगातार ड्यूटी कर रहे थे।
मंगलवार को उज्जैन नीलगंगा थाना प्रभारी और इंदौर निवासी यशवंत पाल की मौत हो गई, वे कोरोना संक्रमण से मरे लोगों के शवों को ले जाने की व्यवस्था के दौरान संक्रमित हो गए थे। वे अपने पीछे दो मासूम बच्चियां छोड़ गए हैं। इसी तरह कुछ दिनों पहले पंजाब पुलिस के एसीपी अनील कोहली की मौत हो गई।
लेकिन पुलिस सख्ती के साथ ही रचनात्मक तरीके से भी लोगों को घर में रहने की अपील के साथ लगातार फ्रंट पर ड्यूटी कर रही है। ताजा उदाहरण है इंदौर के ही आईजी विवेक शर्मा का। आईजी विवेक शर्मा का एक वीडियो इंटरनेट पर बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह वायरलेस सेट पर गाना गाकर अपने विभाग के कर्मचारियों का हौसला बढ़ा रहे हैं। ‘हम होंगे कामयाब’ गाते हुए अपने विभाग के पुलिसकर्मियों का हौसला बढ़ाने के साथ ही विवेक शर्मा लोगों को घरों में रहने की अपील के साथ पूरे शहर में घूमकर ड्यूटी कर रहे हैं।
इस लड़ाई में हमारे कई वरिष्ठ और जांबाज पुलिस अधिकारियों का इस अनजान दुश्मन से लड़ते हुए शहीद हो जाना बेहद दुखद और चिंता में डालने वाला है।