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कम समय में तेज रफ्तार पकड़ेगा देश का सबसे शक्तिशाली इंजन,160 Km स्‍पीड से दौड़ेंगी ट्रेनें

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. सुपरफास्ट ट्रेनों की तरह अब मालगाड़ी भी बेहतर एक्सलरेशन पॉवर के साथ दौड़ेगी। कम दूरी में ज्यादा स्पीड पकड़ने के साथ डेढ़ गुना ज्यादा वैगनों के साथ मालगाड़ी से माल ढुलाई करने वाले देश के सबसे शक्तिशाली इंजन ने अपने ट्रायल की परीक्षा पास कर ली है। आरडीएसओ ने नौ हजार हॉर्सपावर वाले इंजन के ट्रायल के बाद पहली बार डिजिटल साइन स्पीड सर्टिफिकेट दे दिया है। चितरंजन वर्कशॉप ने भी 100 किमी प्रति घंटे की गति से इंजन का सफल स्पीड ट्रायल किया है।

भारत में मालगाड़ी को खींचने वाले जी श्रेणी का सबसे दमदार इंजन डब्ल्यूएपी-सात की वहन क्षमता छह हजार हॉर्सपावर थी। लखनऊ स्थित अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) ने छह हजार हॉर्सपावर वाले इसी इंजन की क्षमता को डेढ़ गुना बढ़ाया है। आरडीएसओ ने चितरंजन लोको वर्कशॉप के एक इंजन को चुना और सिमंस कंपनी के साथ उसके टैक्सन कनवर्टर, ट्रांसफार्मर, ट्रैक्सन मोटर में बदलाव किया। इससे तेज गति से मालगाड़ी दौड़ाने के लिए इसका एक्सलरेशन और वहन क्षमता बढ़ गई। 

देश के पहले नौ हजार हॉर्सपावर इंजन का नंबर डब्ल्यूएजी 9 एचएस -90002 रखा गया है। उत्तर रेलवे के पंजाब में पड़ने वाले सानाहवाल-नया मोरिंडा रेलखंड पर आरडीएसओ ने 31 जनवरी से 26 फरवरी तक ओसिलेशन व परफारमेंस ट्रायल किया था। आरडीएसओ ने चितरंजन वर्कशॉप को कुछ बदलाव के सुझाव दिए। वर्कशॉप ने उन बदलाव के बाद फिर से इंजन का ट्रायल किया। आरडीएसओ ने इस इंजन के ट्रायल को क्लीयरेंस दे दी है।

यह होगा लाभ
दो मालगाड़ियों को जोड़कर रेलवे अभी लांग हॉल मालगाड़ी भी चलाता है। पंजाब से इन दिनों अन्नपूर्णा मालगाड़ी भी लांग हॉल है। अब एक ही इंजन से तीन से ज्यादा लोड वैगनों की मालगाड़ी चलाई जा सकेगी। एक्सलरेशन क्षमता बढ़ने से समय भी कम लगेगा।

क्‍या कहते हैं अफसर? 
आरडीएसओ प्रधान कार्यकारी निदेशक प्रशासन आरके मिश्र के मुताबिक, आरडीएसओ ने देश के सबसे शक्तिशाली इंजन का ट्रायल किया था। लॉकडाउन के कारण पहली बार डिजिटल हस्ताक्षर से उसका क्लीयरेंस दिया गया है। डेढ़ गुना क्षमता बढ़ने के साथ अब मालगाड़ी हाईएक्सलरेट के कारण पहले से कम समय लेगी।
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