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प्रसव से दो सप्ताह पूर्व गर्भवतियों की होगी कोरोना जांच

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. अब प्रसव होने से पूर्व गर्भवतियों में कोरोना जांच की जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी प्रदेशों को गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके तहत स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर उन गर्भवतियों का नमूना लेंगे, जिनमें कोरोना के संदिग्ध लक्षण हैं व जो हॉटस्पॉट एरिया में हैं और उनका प्रसव का वक्त बेहद नजदीक है। राजधानी के अवंतीबाई महिला चिकित्सालय में निर्देश प्राप्त होने के बाद आसपास की ऐसी गर्भवतियों की लिस्ट तैयार होने लगी है। 

चिकित्सालय की प्रमुख अधीक्षिका डॉ. नीरा जैन ने बताया कि इसमें ऐसी गर्भवतियों की कोरोना जांच कराई जाएगी, जिनके प्रसव होने में 15 दिन व उससे कम का समय शेष रह गया है व उनमें सांस फूलने, खांसी, जुकाम, बुखार, निमोनिया जैसे कोरोना के संदिग्ध लक्षण हैं। इसके अलावा जो गर्भवती महिलाएं किसी हॉटस्पॉट एरिया में रह रही हैं।


कोरोना पॉजिटिव होने पर कोरोना ओटी में प्रसव
अगर गर्भवती की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव है तो कोविड-ओटी में उसका प्रसव कराया जाएगा। ताकि जच्चा-बच्चा को संक्रमण से बचाने के साथ अस्पताल के अन्य स्टॉफ व मरीजों को भी यह महामारी न फैले। 

तैयार होगा कोविड ओटी
सभी जिला व महिला चिकित्सालयों में गर्भवतियों में कोरोना संक्रमण रोकने के मद्देनजर कोविड वार्ड के बगल में ही कोविड लेबर रूम व कोविड ओटी तैयार करने के निर्देश स्वास्थ्य निदेशालय की ओर से जारी कर दिया गया है। कोविड ओटी में पीपीई किट धारण कर क्वारंटाइन टीम ही गर्भवती का प्रसव कराएगी।


बच्चे को मिलेगा मां का दूध 
गाइडलाइन के मुताबिक, मां के कोरोना संक्रमित होने के बावजूद जन्म के तुरंत बाद बच्चे को मां का दूध पिलाया जाएगा। इसके लिए मां को मास्क व ग्लव्स इत्यादि भी पहनाए जाएंगे। अगर किसी कारणवश यह संभव न हो सका तो कंप्रेस्ड मदर मिल्क की व्यवस्था की जाएगी। मां का दूध पिलाने के बाद जच्चा-बच्चा को आइसोलेट कर दिया जाएगा। 

क्‍या कहते हैं सीएमओ ?
लखनऊ सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल के मुतबिक, जिन गर्भवतियों में कोरोना के संदिग्ध लक्षण हैं, उनकी जांच कराई जाएगी। पॉजिटिव होने पर कोविड-ओटी में उनका प्रसव कराया जाएगा।

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