कोरोना लॉकडाउन से कई जिलों को मिलेगी छूट, नई गाइडलाइन 4 मई से होगी प्रभावी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. कोरोना लॉकडाउन के चलते फंसे हुए लोगों को अपने घर जाने के लिए गृह मंत्रालय ने बुधवार को नई गाइडलाइन जारी की। इसके बाद फंसे हुए पर्यटक, छात्र और प्रवासी मजदूरों को अपने घर जाने की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही, गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि लॉकडाउन से देश के कई जिलों को रियायत देने के लिए जल्द एक और गाइडलाइन जारी की जाएगी जो 4 मई से लागू होगी। इस बारे में विस्तृत ब्यौरा आने वाले दिनों में दे दिया जाएगा।
गृह मंत्रालय ने कहा कि लॉकडाउन की स्थिति को लेकर मंगलवार को व्यापक समीक्षा बैठक हुई। लॉकडाउन के चलते देश को अभी तक कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में काफी मदद मिली है। ऐसे में कोरोना को रोकने में जो कामयाबी अभी तक मिली है वह बेकार न जाए इसके लिए 3 मई तक लॉकडाउन गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन कराया जाएगा।
MHA held a comprehensive review meeting on the #lockdown situation today. There've been tremendous gains & improvement in the situation due to lockdown till now.— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) April 29, 2020
To ensure that these gains are not squandered away, the lockdown guidelines should be strictly observed till 3rd May.
फंसे हुए लोगों को शर्तों के साथ आवाजाही की अनुमति
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने एक आदेश में कहा कि ऐसे फंसे हुए लोगों के समूहों को ले जाने के लिए बसों का इस्तेमाल किया जाएगा और इन वाहनों को सैनेटाइज किया जाएगा तथा सीटों पर बैठते समय सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा। गृह मंत्रालय ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या किसी व्यक्ति या परिवार को निजी वाहन में जाने की इजाजत मिल सकती है और यदि अनुमति मिल सकती है तो उसके लिए क्या शर्तें होंगी।
सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे आदेश में भल्ला ने कहा, ''लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, सैलानी, छात्र और अन्य लोग विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं। उन्हें जाने की इजाजत दी जाएगी। मंत्रालय ने शर्तें गिनाते हुए कहा कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस बाबत नोडल अधिकारी बनाने होंगे और ऐसे लोगों को रवाना करने तथा इनकी अगवानी करने के लिए मानक प्रोटोकॉल बनाने होंगे।
आदेश में कहा गया है कि नोडल अधिकारी अपने राज्यों में फंसे हुए लोगों का पंजीकरण भी करेंगे। इसके अनुसार यदि फंसे हुए लोगों का समूह किसी एक राज्य या केंद्रशासित प्रदेश से दूसरे राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के बीच यात्रा करना चाहता है तो दोनों राज्य एक दूसरे से सलाह-मशिवरा कर सकते हैं और सड़क से यात्रा के लिए आपसी सहमति जता सकते हैं।
गृह मंत्रालय के अनुसार सफर करने वालों की स्क्रीनिंग की जाएगी। जिनमें कोई लक्षण नहीं दिखाई देता उन्हें जाने की इजाजत दी जाएगी। आदेश के अनुसार बस के मार्ग में पड़ने वाले राज्य ऐसे लोगों को उनके राज्यों के लिए अपने यहां से गुजरने देंगे। इसमें कहा गया कि गंतव्य स्थल पर पहुंचने पर स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी उन पर नजर रखेंगे और उन्हें घर में पृथक-वास में रहने को कहा जाएगा। अगर जरूरत लगती है तो संस्थागत पृथक-वास में भी रखा जा सकता है।