गाजीपुर: सांसदों की 30 फीसदी वेतन कटौती और सांसद निधि स्थगित करना अलोकतांत्रिक - सांसद अफजाल अंसारी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर मुहम्मदाबाद सांसद अफजाल अंसारी ने केंद्र सरकार की ओर से अगले दो वित्तीय वर्ष के सांसद निधि को स्थगित करने और सांसदों के 30 प्रतिशत वेतन कटौती के निर्णय को अलोकतांत्रिक बताया। कहा कि ये फैसला बिना किसी राश मशविरा के लिए गया है। लोकसभा क्षेत्र की छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान के लिए सांसद निधि की व्यवस्था की गई है जिसमें सांसद अपने क्षेत्र के अंदर किसी कार्य का प्रस्ताव देता है जिसे जिला प्रशासन कराता है। वर्ष 2019-20 की सांसद निधि का इस आदेश से कोई लेना-देना नहीं है। न ही इस संबंध में कोई विस्तृत दिशा-निर्देश जारी हुआ है। इसलिए पिछले वित्तीय वर्ष में सांसद निधि से कराए जाने वाले कार्यों के प्रस्ताव केंद्र सरकार के इस निर्णय से अप्रभावित रहेंगे।
कहा कि इस संबंध में सांसदों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए विचार लिया जाना चाहिए था। इस विश्वव्यापी महामारी से लड़ने के लिए पूरा देश एकजुट है। सभी इसमें अपने स्तर से योगदान भी कर रहे हैं लेकिन हम लोगों से बिना राय मशविरा किए अलोकतांत्रिक तरीके से यह निर्णय लिया गया है। हम लोगों को भी केंद्र सरकार के इस निर्णय की जानकारी टीवी चैनलों पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर को सुनकर हुई। जबकि तीन दिन पहले लोकसभा अध्यक्ष ने सभी सांसदों को एक पत्र और उसके साथ एक प्रोफार्मा लगाकर भेजा था कि सभी लोग संलग्न प्रोफार्मा को भरकर इस महामारी से लड़ने के लिए एक करोड़ की धनराशि दें लेकिन अभी बहुत से सांसद इस प्रोफार्मा को लोड भी नहीं करा पाए कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 की सांसद निधि स्थगित किए जाने का फरमान सुना दिया। उन्होंने कहा कि सांसद निधि की धनराशि स्थगित भी की गई है तो इस धनराशि का उपभोग लोकसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार पर लगाया जाना चाहिए न कि गाजीपुर का पैसा गुजरात में खर्च किया जाए। अगर ऐसा होता है तो यह गाजीपुर की जनता के साथ नाइंसाफी होगी।