ट्रेन चलाने के नहीं मिले कोई संकेत, रेलवे की तरफ से है पूरी तैयारी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में लोगों की परेशानी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं, आपको कितनी दिक्कते आई हैं। किसी को खाने की परेशानी, किसी को आने-जाने की परेशानी, कोई घर-परिवार से दूर है। लेकिन आप देश की खातिर, एक अनुशासित सिपाही की तरह अपने कर्तव्य निभा रहे हैं।
लोगों को उम्मीद थी कि वह लॉकडाउन में कुछ छूट के संकेत दे सकते हैं।लोग यातायात के बारे में जानना चाह रहे थे। लेकिन जैसे ही पीएम ने कहा लॉकडाउन 03 मई तक बढ़ाया जा रहा है, लोगों को लग गया कि अब ट्रेन चलने का कोई संकेत नहीं मिलने वाला है। वैसे आपको बता दे कि रेलवे ने अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर रखी है उसे बस केंद्र की तरफ से संकेत मिलने की देरी है।
रेलवे में आज बैठक भी :
सूत्रों ने बताया कि रेलवे बोर्ड में मंगलवार को संभावित ट्रेन परिचलान को लेकर ब्लू प्रिंट तैयार करने के लिए बैठक बुलाई गई है। इसमें रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव सहित सभी बोर्ड सदस्य हिस्सा लेंगे। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद की स्थित पर चर्चा होगी।
ये हो चुकी है तैयारी :
देशभर के सभी संरक्षा रेल कर्मियों को कर्फ्यू पास वितरित कर दिए गए हैं। रनिंग स्टाफ का रेड जोन, यलो जोन, ग्रीन जोन के आधार पर डाटाबेस बनाया जा रहा है। ताकि देश में आशिंक रूप से ट्रेन चलाने की योजना में बाधा उत्पन्न ना हो सके। रेलवे मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दो दिन से संरक्षा से जुड़े रेल कर्मचारियों को कर्फ्यू पास दिए जा रहे हैं। इसमें संरक्षा और रनिंग स्टाफ के पास विभाग का पहचान पत्र होने के साथ रेलवे के क्लास वन अधिकारी का पत्र (कर्फ्यू पास) होगा ताकि ड्यूटी के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचने में उनको पुलिस से मंजूरी मिल सके।
उन्होंने बताया कि रनिंग स्टाफ जैसे कि सहायक ड्राइवर, ड्राइवर, गार्ड, टीटीई, टीसी, स्टेशन प्रबंधक, इलेक्ट्रिकल-मकैनिकल इंजीनियर आदि के घर के पते के आधार पर कंप्यूटराइज्ड डाटाबेस बनाया जा रहा है। इसका मकसद यह है कि यदि रनिंग स्टाफ रेड जोन में फंसा है तो उसके स्थान पर ग्रीन जोन के दूसरे रनिंग स्टाफ को ड्यूटी पर बुलाया जा सके। विदित हो कि रेलवे ने दो हफ्ते पहले ही सभी ट्रेन उनके जोनल और डिविजन रेलवे के पास भेज दी हैं। जिससे शुरू होने वाले स्टेशन से ट्रेन चलाई जा सकें। कमोबेश सभी इंजनों को भी प्रस्थान बिंदु वाले स्टेशन पर पहुंचा दिया गया है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को यदि प्रधानमंत्री अपने संबोधन में आशिंक रूप से ट्रेन चलाने का जिक्र करते हैं तो रेलवे मंत्रालय एक घंटे के भीतर देश के प्रत्येक हिस्से से जरूरत के अनुसार ट्रेन चलाने के लिए तैयार है।