लॉकडाउन का फायदा उठा रहे जालसाज, यूपी बोर्ड परीक्षा में पास कराने की कर रहे वसूली
पूरे मामले की जानकारी होते ही उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UP Board) की सचिव नीना श्रीवास्तव को पत्राचार करना पड़ा है.उन्होंने अभिभावकों से इस तरह की अफवाहों में न फंसने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि कोविड 19 को लेकर अभी मूल्यांकन कार्य स्थगित है. पैसे मांगने का काम परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों में से किसी की ओर से नहीं किया जाता है. यह दंडनीय अपराध है.
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. यूपी बोर्ड (Board) दसवीं और इंटरमीडिएट की कॉपियों के मूल्यांकन के फर्जी मैसेज के बाद अब अभिभावकों से परीक्षा में पास कराने के लिए ऑनलाइन वसूली मामले ने तूल पकड़ लिया है. जानकारों का कहना है कि जालसाजों ने कमाई के लिए एक बार फिर लॉक डाउन (Lockdown) का फायदा उठाते हुए यूपी बोर्ड परीक्षा में छात्रों को पास कराने का झांसा देकर अभिभावकों को कॉल और मैसेज के जरिए ऑनलाइन पैसे मांगे हैं. उन्होंने मैसेज में बाकायदा एकाउंट नंबर के साथ आईएफएससी कोड भी उपलब्ध कराया है, जिससे अभिभावक पैसै ट्रांसफर कर सकें. पूरे मामले की जानकारी होते ही उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव नीना श्रीवास्तव को पत्राचार करना पड़ा है.
खुद को परिषद का कर्मचारी बता रहे जालसाज
बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि बोर्ड को ऐसी गतिविधियों की जानकारी मिली है. अभिभावकों से वसूली कर रहे जालसाज खुद को परिषद का कर्मचारी बता रहे हैं. उन्होंने अभिभावकों और छात्र-छात्राओं से मूल्यांकन प्रक्रिया में नंबर बढ़वाने के लिए धनराशि मांगी है. यही नहीं अभिभावकों को बचत खाता संख्या और आईएफएससी कोड भी उपलब्ध करा रहे हैं. हालांकि बोर्ड की मूल्यांकन प्रक्रिया स्थगित है. शासन की ओर से प्रक्रिया को शुरू करने पर विचार किया जा रहा है.
डीआईओएस और पुलिस प्रशासन को दें सूचना
मामले में माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव नीना श्रीवास्तव ने बोर्ड की ओर से अपील जारी की है. उन्होंने अभिभावकों से इस तरह की अफवाहों में न फंसने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि कोविड 19 को लेकर अभी मूल्यांकन कार्य स्थगित है. पैसे मांगने का काम परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों में से किसी की ओर से नहीं किया जाता है. यह दंडनीय अपराध है. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि लोग इस तरह के झांसे में न आएं, साथ ही अगर किसी अभिभावक से जालसाजों ने संपर्क साधने की कोशिश की है तो इसकी शिकायत अपने जिले के डीआईओएस से करें. साथ ही मोबाइल नंबर और बैंक खाता नंबर पुलिस प्रशासन को उपलब्ध कराकर उचित कार्यवाही कराएं.