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सिलाई, कढ़ाई और रंगाई करने वाले चार लाख से अधिक लोग बेरोजगार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. गुलजार रहने वाली चौक की चिकन बाजार में मायूसी छाई है। लॉकडाउन की वजह से दुकानें बंद हैं, चिकन कामगार बेरोजगार। लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर समेत आसपास के जिलों में चार लाख से अधिक चिकन कामगार बेरोजगार हो गए हैं। जिन कामगारों के पास पुराना काम था वह भी लॉकडाउन की वजह से दुकानदार तक काम पहुंचा कर अपना हिसाब नहीं कर पा रहे हैं। 

चौक के अग्रवाल चिकन के गिरीश अग्रवाल बताते हैं कि नोटबंदी के बाद धीरे-धीरे व्यापार ने तेजी पकड़ी थी कि कोरोना वायरस ने सबकुछ चौपट कर दिया। इसका सबसे अधिक असर चिकन का काम करने वाले छोटे कारीगारों पर पड़ा है। कारीगर रोज कमा कर खाने वाले हैं, बीस दिन से काम बंद होने से यह भूखमरी की कगार पर आ गए हैं। अभी कुछ दिनों पहले मैने ही अपने तीन कारीगारों के घर पर राशन भेजा है। 

चिकन कारोबारी फैसल बताते हैं कि गोल दरवाजे से लेकर अकबरी गेट और इसके पिछले हिस्से में सिर्फ चिकन का कारोबार होता। यहां बड़े शोरूम से लेकर दुकानें व कारखानें मौजूद हैं। इस पूरे इलाके में करीब 1500 से अधिक चिकन की दुकानें और कारखाने मौजूद है। अकेले लखनऊ में ही करीब 45 हजार से अधिक लोग चिकन कारीगारी से जुड़े हैं। इनमें कुर्तों व लेडीज सूट पर मुररी फंदे का काम करने वाले से लेकर काम के ठप्पे लगाने व रंगाई और सिलाई का काम करने वाले शामिल हैं। 

कोई मदद नहीं मिल रही है 
चिकन सूट की सिलाई करने वाले अरमान बताते हैं कि लॉक डाउन की वजह से काम पूरी तरह से बंद है। 15 दिन से एक रूपए काम नहीं किया है। कभी व्यापारी मदद कर देते हैं तो कभी आसपास के लोग। किसी भी तरह की सरकारी मदद नहीं मिली है। कुर्तो पर सियाही के ठप्पे लगाने वाले मुन्ना लॉक डाउन में पूरा दिन दो वक्त के खाने की जुगाड़ में ही काट देते हैं। इलाके लोगों ने सब्जी का ठेला लगवा दिया है। जिसकी वजह से रोटी भर का पैसा आ जाता है।

विदेशी पर्यटक भी हुए कम 
सेजल चिकन के शिखर अग्रवाल बताते हैं कि खाड़ी देशों में चिकन काफी निर्यात होता है। लॉक डाउन की वजह से कारोबार पूरी तरह से ठप है। पर्यटक भी यहां नहीं आ रहे हैं। लॉक डाउन का सबसे अधिक असर चिकन कारोबार पर ही पड़ा है। जो कामगार चौक रह कर काम करते थे, वह भी वापस चले गए हैं।

चिकन कारोबार एक नजर में
56 साल पुराने है चिकन का कारोबार 
कुल 5000 हजार दुकानें है लखनऊ में, चौक में 1500 दुकानें
5 लाख कारीगर जुड़े हैं चिकन के कारोबर से 
10 करोड़ है लखनऊ में महीने का कारोबार, अकेले चौक में 5 करोड़
1.5 करोड़ रुपये पहुंचा चिकन कारोबार
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