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लखनऊ समेत यूपी के 45 जिलों में हो सकती है आटा, चीनी और मसालों की कमी

उत्पादक तेल, चावल और मसालों के बाद 'आटा' और 'मैदा' के स्टॉक को लेकर सबसे ज्यादा समस्या का दावा कर रहे हैं.
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. लॉकडाउन (Lockdown) के चलते राज्य में कम से कम 45 जिले आटा, चीनी, मसालों जैसे दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कमी का सामना कर रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान सप्लाई चेन (Supply Chain) में आने वाली बाधाओं की जांच करने के लिए सभी जिलों में यूपी वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा किए गए एक जांच अभियान में यह सामने आया है. विभाग ने राज्य भर के 2,484 थोक विक्रेताओं और उत्पादकों से संपर्क किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनके पास खाद्य पदार्थ उपलब्ध हैं या नहीं.

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक जांच में सामने आया कि लगभग 89% थोक विक्रेताओं और उत्पादकों ने संपर्क किया. जिनमें 2,484 में से 2,204 के पास मसाले, मेवा, आटा, तेल, दालों का पर्याप्त स्टॉक है. संपर्क करने वालों में से 2,131 थोक व्यापारी थे, जबकि 353 निर्माता थे. वहीं हमीरपुर, भदोही और कन्नौज में, व्यापारियों ने अधिकतम कमी को हरी झंडी दिखाई.

स्टॉक की कुछ कमी देखी गई
अन्य शहरों में जहां स्टॉक की कुछ कमी देखी गई है उनमें लखनऊ भी शामिल है. जहां 18.42% व्यापारियों को सीमित स्टॉक का सामना करना पड़ रहा है. वहीं व्यापारियों को प्रयागराज 10%, वाराणसी 12.5% ​​और अयोध्या में 42.10% कमी का सामना करना पड़ रहा था. कमी का मुख्य कारण कच्चे माल की अनुपलब्धता, परिवहन, पास होने में कठिनाई और श्रमिकों की कमी है.

वरिष्ठ अधिकारियों को डीएम से संपर्क करना चाहिए
वाणिज्यिक कर आयुक्त अमृता सोनी ने सभी जोनल अतिरिक्त आयुक्तों को पत्र लिखते हुए लिखते हुए उन्हें जिला मजिस्ट्रेटों से बात करने को कहा है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में, वरिष्ठ अधिकारियों को डीएम से संपर्क करना चाहिए और व्यापारियों और थोक विक्रेताओं द्वारा बताई गई सप्लाई चेन में आने वाली समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि सभी अधिकारी अपने क्षेत्रों में मुख्य व्यापारियों के साथ संपर्क में रहें ताकि आने वाली किसी भी समस्या को समय-समय पर प्रशासन के साथ उसे सुलझाया जा सके.

दूध पाउडर की उपलब्धता पर भी चिंता
उत्पादक तेल, चावल और मसालों के बाद 'आटा' और 'मैदा' के स्टॉक को लेकर सबसे ज्यादा समस्या का दावा करते हैं. उत्पादकों  का कहना है कि इन सभी जरुरी सामानों की कमी की सबसे बड़ी वजह कच्चे माल की अनुपलब्धता, लेबर की कमी और परिवहन प्राप्त करने में कठिनाई बताई जा रही है. हालांकि सभी ने तेल, मसाले, चीनी और दूध पाउडर की उपलब्धता पर भी चिंता जताई है.
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