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लॉकडाउन : नहीं देखी होगी ऐसी शादी, तीन लोगों की बारात, फिजिकल डिस्टेंसिंग में पड़े सात फेरे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, फर्रुखाबाद। जीवन को बचाने के लिए कोरोना वायरस से बचाव और लॉकडाउन का पालन जितना जरूरी है, उतना ही जीवन को आगे बढ़ाने के लिए सामाजिक परंपराएं भी...। शायद यही सोचकर फर्रुखाबाद के दो परिवारों ने ऐसा फैसला लिया और शादी की परंपरा का निर्वहन विशेष ढंग से किया। दूल्हे के साथ तीन लोगों की बारात आई और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सात फेरे पड़े।

लॉकडाउन में शर्तों के साथ शादी की है छूट
लॉकडाउन के कारण आवाजाही पूरी तरह से बंद है लेकिन शादी के लिए कुछ शर्तों के साथ छूट है। इसमें शादी कार्यक्रम में दूल्हा दुल्हन समेत कन्या अौर वर पक्ष से दस लोगों से ज्यादा लोग एकत्र नहीं होने चाहिए। सभी को फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा। खाना आदि का इंतजाम भी घर का ही होगा और रात में कोई समारोह नहीं होगा।

दिन में पड़े शादी के फेरे
राजेपुर कस्बा निवासी उमेश सक्सेना ने पुत्री शिवी की शादी शाहजहांपुर जनपद के कलान निवासी सत्यपाल के पुत्र अनिल कुमार से तय की थी। लाकडाउन बढ़ने के कारण दूल्हा और दुल्हन पक्ष के स्वजन असमंजस में फंस गए। वर और कन्या पक्ष के लोगों ने लॉकडाउन के नियमों का पालन करके शादी करने का विचार किया। इसपर शादी कार्यक्रम रात में नहीं किए गए।

बुधवार को दूल्हा अनिल अपने पिता सत्यपाल, भाई अरविंद और ताऊ नेत्रपाल के साथ शादी करने राजेपुर पहुंच गया। बरात का स्वागत सत्कार के बाद नाश्ता व भोजन कराया गया। पं. रामशंकर ने वेद मंत्रों के साथ शादी की रस्में पूरी कराईं। दूल्हा दुल्हन ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सात फेरे पूरे किए। बुधवार शाम दूल्हा दुल्हन की विदाई कर दी गई।
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