उद्यमियों ने श्रमिकों को वेतन देने से खड़े किए हाथ, श्रम विभाग ने कहा- देना पड़ेगा पूरा वेतन
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर। लॉकडाउन में उत्पादन प्रभावित होने के बाद उद्यमियों ने काम न करने वाले श्रमिकों को अप्रैल महीने का वेतन देने में असमर्थता जताई है। उनका कहना है कि 95 फीसद इकाईयों में क'चा माल खराब हो रहा है, बाजार से भुगतान भी नहीं मिल पा रहा है, ऐसी स्थिति में वेतन दे पाना संभव नहीं है। उत्पादन करने वाली इकाईयों में जो श्रमिक काम में लगे हैं, उन्हें ही भुगतान किया जाएगा।
उद्यमियों ने मंडलायुक्त से की मुलाकात
समस्याओं को लेकर उद्यमियों ने चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के बैनर तले मंडलायुक्त से मुलाकात की थी। उद्यमियों का कहना है कि उद्योग जगत को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कच्चा माल उपयोग न होने से खराब हो रहा है। उन्होंने लॉकडाउन समय को शून्य मानते हुए बिजली के फिक्स चार्ज, तथा बैंक ब्याज चार माह के लिए माफ करने की मांग की थी। इसके साथ ही जीएसटी में राहत देने की भी जरूरत बताई गई। जबकि श्रम विभाग का स्पष्ट आदेश है कि सभी श्रमिकों को भुगतान किया जाए। मार्च महीने में 25 से 31 तक का वेतन न काटने का निर्देश दिया गया है। श्रम विभाग के अधिकारियों के अनुसार मार्च महीने के लिए जारी आदेश ही अप्रैल महीने के लिए भी लागू होगा। कार्यरत सभी श्रमिकों को वेतन का भुगतान नियमानुसार करना होगा।
पास न बनने से कम आ रहे श्रमिक
जरूरी सेवाओं से जुड़ी इकाईयों को शुरू करने का निर्देश दिया गया है। मंडलायुक्त ने उपायुक्त उद्योग को जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है। अभी तक कर्मचारियों के आने-जाने के लिए पास नहीं बन रहा था, जिससे श्रमिक कम आ रहे हैं। उद्यमियों ने उनके पास बनाने की मांग की है। जिसके बाद जरूरी विवरण मांगे गए हैं। बैठक में चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के महासचिव प्रवीण मोदी, उपाध्यक्ष आरएन सिंह आदि मौजूद रहे।
औद्योगिक इकाईयां बंद होने से कच्चा माल खराब हो रहा है। बाजार से पैसा नहीं आ पा रहा। जरूरी सेवाओं में जो श्रमिक लगे हैं, उन्हें भुगतान भी किया जा रहा है। जो इकाईयां बंद हैं, वहां के श्रमिकों को भुगतान कर पाना संभव नहीं। मंडलायुक्त से मुलाकात में कई समस्याओं पर बात हुई, सकारात्मक आश्वासन मिला है। - प्रवीण मोदी, महासचिव, चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज
लॉकडाउन के दौरान बंद प्रतिष्ठान एवं औद्योगिक इकाईयों को श्रमिकों का भुगतान करना होगा। किसी भी दशा में भुगतान से मना नहीं किया जा सकता। - एके सिंह, उप श्रमायुक्त।