विश्व धरती दिवस 2020: लॉकडाउन से धरती को मिली ऑक्सीजन, कम हुआ प्रदूषण
गाजीपुर न्यूज़ टीम, पर्यावरण संरक्षण के लिए पिछले कई वर्षो से प्रयास हो रहे थे। ज्यादातर सिर्फ औपचारिक थे। कोरोना ने कहर बरपाया तो लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गए। सभी गतिविधियां ठप हो गईं।पूरे विश्व को इससे आर्थिक नुकसान हुआ है पर एक बड़ा फायदा भी हो रहा है। धरती को नया जीवन मिल गया है। न सिर्फ हवा बल्कि पानी भी साफ हो गया है। चिड़ियों की चहचहाहट बढ़ गई है।
ये विचार विश्व धरती दिवस पर शहर के वैज्ञानिकों ने जाहिर किए। उनका कहना है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए 22 अप्रैल 1970 से पूरी दुनिया में पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है लेकिन हालत यह है कि विश्व के सबसे अधिक प्रदूषित 20-शहरों में भारत के 10 दस शहर शामिल हैं। इसमें अकेले उत्तर प्रदेश के सात शहर लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, गाजियाबाद, आगरा, नोएडा आदि शामिल हैं।
रिकॉर्ड स्तर पर कम हुआ प्रदूषण:
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन हुआ तो न सिर्फ सड़क पर वाहनों का चलन बंद हुआ बल्कि मानक के विपरीत चल रहीं तमाम फैक्ट्रियां भी बंद हो गईं हैं। इससे वातारण काफी साफ हुआ।नतीजतन, लखनऊ का एक्यूआई 78 माइक्रोम प्रति घन मीटर हो गया जो अब तक अप्रैल माह में सबसे कम है। नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसी प्रदूषणकारी गैसों में महत्वपूर्ण गिरावट आई। कार्बन डाइऑक्साइड जैसे वायु प्रदूषकों में 5 से 10 प्रतिशत की गिरावट हुई है। मीथेन उत्सर्जन में 35% गिरावट आई।
-22 अप्रैल 1970 से पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है
-07 शहर यूपी के दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में
-78माइक्रोम प्रति घन मीटर हुआ लखनऊ का एक्यूआई
वैज्ञानिक बोले-
1-लॉकडाउन से कई गतिविधियां बद हो चुकी हैं। पॉलीथिन का प्रयोग भी लगभग समाप्त है। बीमारियां भी कम हुई हैं। दुर्घटनाओं में में कमी आई है।
डॉ. अखिल आनंद, पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक, सीमैप
2-पिछले लगभग एक माह से चिड़ियों के चहकने और आसमान में तारों के स्पष्ट रूप से दिखने से तय है कि वातावरण बहुत स्वच्छ हो चुका है।
डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव, पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक, सीडीआरआई
3-जीवन जीने व कार्य की नई संस्कृति मिली है। इसे अपनाना होगा। ऐसी व्यवस्था बननी चाहिए जिससे सप्ताह में एक दिन लॉकडाउन जैसी स्थिति रहे।
प्रो. आलोक धवन, निदेशक, आईआईटीआर
4-लॉकडाउन से प्रदूषण में अप्रत्याशित कमी आई है। आसपास चिड़िया भी दिखने लगी हैं। नदियो के पानी की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है। प्रो. भरत राज सिंह, महानिदेशक, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज